एक अनवरत सांस्कृतिक प्रवाह है अखंड भारत

Continue Readingएक अनवरत सांस्कृतिक प्रवाह है अखंड भारत

कुल मिलाकर अगर हम अखंड भारत चाहते हैं तो भारतीय संस्कृति जो हिंदू संस्कृति है उसे अपना मानदंड बनाकर चलना होगा। दीनदयाल जी के अखंड भारत के स्वप्न् को साकार करने के आह्वान का आज पुन: स्मरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा था, ... हमें हिम्मत हारने की जरूरत नहीं। यदि पिछले सिपाही थके हैं तो नए आगे आएंगे।

शहीद-हुतात्मा शब्दों की व्याख्या न बदलें

Continue Readingशहीद-हुतात्मा शब्दों की व्याख्या न बदलें

शहीद हुतात्मा आदि शब्दों को सुनते ही मन में रोमांच की लहर दौड जाती है। फ्राचीन इतिहास हो, विदेशी आक्रमणकारियों के विरुद्ध लड़ाई हो, स्वतंत्रता संग्राम हो या फिर देश फर लादा गया युद्ध हो, हर बार देश की, समाज की, रक्षा करने के लिये स्वयं के फ्राणों की आहुति देनेवाले वीरों के चेहरे सामने आने लगते हैं ।

End of content

No more pages to load