किसान आंदोलन या कोई बड़ा खेल
किसान आंदोलन का आरंभ तो संभवत: पंजाब में मोदी विरोध के कारण कांग्रेस ने किया, पर लगता है कि अब यह हाइजैक होकर उन्हीं शक्तियों के हाथों में चला गया जिन्हें हम टुकड़े-टुकड़े गैंग के नाम से जानते हैं।
किसान आंदोलन का आरंभ तो संभवत: पंजाब में मोदी विरोध के कारण कांग्रेस ने किया, पर लगता है कि अब यह हाइजैक होकर उन्हीं शक्तियों के हाथों में चला गया जिन्हें हम टुकड़े-टुकड़े गैंग के नाम से जानते हैं।
कट्टरपंथ और मदरसे के सम्बन्धों पर लंबे समय से बहस चल रही है, लेकिन इनके प्रति राजनीतिक नेतृत्व की नरम स्थिति के कारण, कानून प्रवर्तन एजेंसियां हमेशा कोई कड़ी जांच करने और किसी भी गंभीर कार्रवाई करने में संकोच करती रही हैं।
सकारात्मक संकेत यह है कि मौजूदा सरकार वस्त्रोद्योग क्षेत्र में ढांचागत सुधार कर इसे फिर से पटरी पर लाकर तेज गति देने की दिशा में प्रयास कर रही है। ’मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के माध्यम से भारत को निर्माण तथा निर्यात का हब बनाने का अभियान चल ही रहा है।
हमें पश्चिमी प्रतिमानों या उदाहरणों का गहराई से अध्ययन विश्लेषण करना चाहिए और यदि संभव हो तो उनसे लाभ भी उठाना चाहिए। लेकिन उन्हें अपने भावी विकास का आदर्श प्रतिमान मानने की गलती नहीं करनी चाहिए। आत्मनिर्भरता का वैचारिक अधिष्ठान यही है।
कोरोना महामारी के दौरान मीडिया में तथ्यात्मक, सकारात्मक व नकारात्मक तीन स्वरूप उभरे हैं। इसमें से नकारात्मक खबरें बोने वाले वे वामपंथी हैं, जो अपने को ‘लिबरल’ कहलवाते हैं, लेकिन हैं प्रतिक्रियावादी। उनके चेहरों को समझना जरूरी है।