अखंड भारत की अवधारणा भूगोल गौण, संस्कृति प्रधान
पश्चिमी परिवेश में रंगी वर्तमान पीढ़ी के लिए राष्ट्र का अर्थ जमीन का टुकड़ा मात्र है इसीलिए उन्हें अखंड भारत अप्रासंगिक लगता है जबकि राष्ट्र व राष्ट्र-राज्य के बीच के अंतर को समझने की आवश्यकता है। अखंड भारत का अर्थ जमीन का टुकड़ा नहीं है बल्कि जिन देशों में पहले सनातन संस्कृति प्रवाहमान थी, वहां एक बार फिर से सनातन संस्कृति जीवन का आधार बन सके।