हिंदू धर्म : पारम्परिक आर्थिक सुरक्षा का सबसे सशक्त आधार
एक 'अखबार' में एक खबर पढ़ी जिसके अनुसार आज मेरे शहर में अनुमानित रूप से ढ़ाई लाख झाङू बिकेंगे। अब आप सोचिए कि इसे बनाने के व्यवसाय में जो भी लोग संलग्न होते हैं वो आर्थिक और सामाजिक संरचना की दृष्टि से किस पायदान पर खड़े होते हैं। इसी 'दीवाली'…