जाने इस बार के धनतेरस का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास के त्रयोदशी को मनाया जाता है और इसके साथ ही पांच दिन के त्यौहार की शुरुआत हो जाती है पहला धनतेरस, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवें दिन भैया दूज का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार धनतेरस का त्यौहार 2 नवंबर मंगलवार को मनाया जा रहा है और इस बार धनतेरस का शुभ मुहूर्त शाम 6.18 बजे से 8.14 बजे तक रहेगा। धनतेरस के दिन भगवान कुबेर और धनवंतरी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन घर में नये सामान खरीदना चाहिए इससे धन और अक्षय बढ़ता है। धनतेरस का त्यौहार ज्यातादर दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है उसके बाद छोटी दीवाली होती है। इस दिन रात में एक दिया भी घर के बाहर जलाया जाता है जिसे यम (जम) का दिया कहा जाता है। यह दीप यमराज के लिए जलाया जाता है जिससे यमराज प्रसन्न होते है, मान्यता है कि इस दीप के जलाने से घर में अकाल मृत्यु नहीं होती है। 
क्यों मनाया जाता है धनतेरस? 
शास्त्रों में कहा गया है कि कार्तिक मास के त्रयोदशी को समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार बताए गए हैं और उनके प्रकट होने की तिथि पर ही हर साल धनतेरस मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से धन का लाभ होता है। धनतेरस के दिन व्यापारी भी दुकान और कंपनी में पूजा करते है। ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन पूजा करने से घर में लक्ष्मी जी का वास होता है और भविष्य में धन की कमी नहीं होती है। हिंदू धर्म में झाड़ू को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है और इससे दरिद्रता दूर होती है इसलिए धनतेरस के दिन झाड़ू भी जरूर खरीदना चाहिए।
धनतेरस पूजा विधि- 
धनतेरस की पूजा का हिंदू समाज में विशेष महत्व है। इस त्यौहार के दिन घर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और फिर उस पर गंगा जल छिड़ककर पवित्र कर लें। चौकी पर माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर की मूर्ति या फोटो को रखें। फोटो पर लाल फूल या फिर कमल का फूल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं एवं धूम या अगरबत्ती भी जलाएं। धनतेरस के दिन आप ने जो भी नया सामान और सोना, चाँदी ख़रीदा है उसे भी भगवान को समर्पित करें। अंत में लक्ष्मी जी, कुबेर जी के मंत्र का जाप करें और आरती भी करें। इससे आप के धन की बढ़ोत्तरी होगी और मन को शांति भी मिलेगी। 
 
धनतेरस के दिन पूजा करना जरूरी होता है और पूजा के बाद 21 चावल के दाने को लाल कपड़े में बांध कर धन वाले स्थान पर रखें इससे आप के धन में वृद्धि होगी। इस पवित्र त्यौहार पर सोना और चांदी खरीदने को भी शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने से धन में वृद्धि होती है। वैसे धनतेरस के लेकर यह सभी को पता है कि इस दिन पूजा करने से धन में वृद्धि होती है लेकिन इससे अलग एक और सच्चाई है कि भगवान धन्वंतरि धन के साथ साथ रोगों के भी भगवान माने जाते है और उनकी पूजा करने से बड़े से बड़े रोग भी दूर हो जाते है। लेकिन वर्तमान में लोग स्वास्थ्य के लाभ को पूरी तरह से भूल चुके है और सभी का आकर्षण सिर्फ धन हो चुका है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब देवताओं और राक्षसों ने समुद्र मंथन किया था तो भगवान धनवंतरी अपने हाथ में औषधि का कलश के आज के ही दिन प्रकट हुए थे। इसलिए उन्हे धन के साथ साथ स्वास्थ्य का भी देवता माना जाता है और उनकी पूजा करने वाला निरोगी होता है लेकिन अलग अलग पुस्तकों और टीवी कथाओं ने धनतेरस के महत्व को ही बदल दिया और इसे धन का त्यौहार बना दिया।

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