भारत में मकर संक्रांति पर्व की विविधता

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संस्कृत प्रार्थना के अनुसार "हे सूर्यदेव, आपका दण्डवत प्रणाम, आप ही इस जगत की आँखें हो। आप सारे संसार के आरम्भ का मूल हो, उसके जीवन व नाश का कारण भी आप ही हो।" सूर्य का प्रकाश जीवन का प्रतीक है। चन्द्रमा भी सूर्य के प्रकाश से आलोकित है। वैदिक…

तिल : तिलहन से जुड़ी रोचक मान्यताएं

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राजस्थान, गुजरात, मालवा और हरयाणा में कहावत है : जिण घरै काळा तिल चाब्या, उण घरै जाणौ पड़सी ! मतलब है कि जहां पर कृष्णतिल खाए हों, वहां ब्याह होगा। बेटियों के लिए खासकर यही कहा जाता है कि "कहां जाएगी?" " जिण देहरी रा काला तिल चाबिया, वठै, अजु…

” कुछ मीठे के बजाए “गजक” हो जाए ……..”

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गजक ........ तिलों से बनने वाली यह मिठाई कितनी पुरानी है ? करीब 4-5 हजार वर्ष पुरानी। यह संसार की सबसे पुरानी मिठाइयों में से एक है। गुजरात के कच्छ जिले में हाल ही पुरातत्व विद्वानों ने जो हड़प्पा कालीन स्थल खोजा है वहां तिल भी मिले हैं और गुड़…

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