भारत में मकर संक्रांति पर्व की विविधता
संस्कृत प्रार्थना के अनुसार "हे सूर्यदेव, आपका दण्डवत प्रणाम, आप ही इस जगत की आँखें हो। आप सारे संसार के ...
संस्कृत प्रार्थना के अनुसार "हे सूर्यदेव, आपका दण्डवत प्रणाम, आप ही इस जगत की आँखें हो। आप सारे संसार के ...
राजस्थान, गुजरात, मालवा और हरयाणा में कहावत है : जिण घरै काळा तिल चाब्या, उण घरै जाणौ पड़सी ! मतलब ...
गजक ........ तिलों से बनने वाली यह मिठाई कितनी पुरानी है ? करीब 4-5 हजार वर्ष पुरानी। यह संसार की ...
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