व्यक्ति,परिवार,राष्ट्र निर्माण के आराध्य गणपति

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भगवान् गणपति जी के दो स्वरूप हैं । एक आध्यात्मिक जो सूक्ष्म है, अदृश्य है और दूसरा सांसारिक जो स्थूल है और दृश्यमान । हमारे शरीर में कुल पाँच गण हैं, प्रत्येक गण में पांच सूत्र । इस प्रकार ये कुल 25 गणसूत्र कहलाते हैं जिनसे हम काम करते हैं,…

भगवान श्रीगणेश के जन्म का रहस्य

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भारतीय धर्म और संस्कृति में भगवान श्रीगणेश सर्वप्रथम पूजनीय और प्रार्थनीय हैं। भगवान श्री गणेश अग्र पूज्य, गणों के ईश गणपति, स्वस्तिक रूप तथा प्रणव स्वरूप हैं। उनकी पूजा के बगैर कोई भी मंगल कार्य शुरू नहीं होता। इन्हें विघ्न विनाशक और बुद्धि प्रदाता भी कहा जाता है। इसके स्मरण…

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