आगामी संघर्ष का केंद्र होगा ताइवान?
ताइवान में अमेरिका की रूचि बहुत अधिक है, क्योंकि वह इसे एक ऐसे क्षेत्र के रूप में मानता है जहां से चीनी आधिपत्यवादी योजना का प्रतिवाद हो सकता है। ताइवान का एक प्रमुख सेमी-कंडक्टर चिप निर्माता होना इस मित्रता को बड़े लाभ की ओर ले जाता है। इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि ताइवान पर ख़तरे की स्थिति में यही समझौता अमेरिकी हस्तक्षेप को आवश्यक करेगा।