स्व की आध्यात्मिकता से राष्ट्रीय एकात्मकता और अखंडता आयेगी – डॉ. मोहन भागवत जी
हम स्वाधीन हुये लेकिन अभी भी हम स्वतंत्र होने की प्रक्रिया में हैं। इस स्वाधीनता के लिये सभी वर्ग क्षेत्र समाज के लोगों ने त्याग व् बलिदान दिया और स्वाधीनता को लेकर सबके मन में समान भाव था. जो बातें कुंद्रा डिक्लेरेशन में सन 1830 में कही गई थी वही…