स्मार्ट सिटी अयोध्या

Continue Readingस्मार्ट सिटी अयोध्या

अयोध्या में एक के बाद एक कई परियोजनाओं पर क्रियान्वयन किया जा रहा है, ऐसे में जल्द ही यह शहर दुनिया के सामने एक रोल मॉडल के रुप में होगा। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, आधुनिक सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशन, डिजिटल संग्रहालय, सरयू में क्रूज का संचालन प्रस्तावित है।

केवल उद्योग नहीं सेवा भी

Continue Readingकेवल उद्योग नहीं सेवा भी

कोरोना काल ने मानवीय कमजोरियों को उजागर करने के साथ ही साथ लोगों के आपसी सौहार्द्र को भी अभिलेखित किया। देश के उद्योगपति घराने भी जन सेवा में पीछे नहीं थे। सभी बड़े औद्योगिक घरानों ने तन-मन-धन से समाज के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने का प्रयत्न किया। साथ ही, देशभर के संस्थाओं ने भी समाज सेवा के कार्य का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।

भारत का ‘मिशन 2030’

Continue Readingभारत का ‘मिशन 2030’

वर्तमान सरकार की जन सहयोगी और प्रगतिशील नीतियों ने विविध क्षेत्रों में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। बढ़ती जनसंख्या के लिए रोजगार सृजन से लेकर प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बढ़ावा देने और सौर ऊर्जा के अधिकतम उपयोग जैसी नीतियां भविष्य के बदलाव की द्योतक हैं।

कोरोनामिक्स भारत बन सकता है चीन का विकल्प

Continue Readingकोरोनामिक्स भारत बन सकता है चीन का विकल्प

कोरोना महामारी के बाद वैश्विक कम्पनियां बहुत तेजी से चीन छोड़ रही हैं। भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। वर्तमान सरकार की नीतियां और टैक्स में छूट की अवधारणा इस मामले में सोने पर सुहागा साबित होगी। अब आवश्यकता है तो सरकार द्वारा की जा रही सार्थक पहल को और तेज करने की, ताकि इस मौके का लाभ भारत को बड़े स्तर पर मिल सके।

सरेंडर होते पड़ोसियों के बीच मजबूत भारत

Continue Readingसरेंडर होते पड़ोसियों के बीच मजबूत भारत

सुकून की बात यह है की जहां भारत के पडोसी बुरी तरह से परेशान हैं वहां भारत की स्थिति उनसे बेहतर है. भारत का रुपया भी अन्य देशों की तुलना में कम दर से गिरा है डॉलर के मुकाबले. भारत के सनातन और माइक्रो इकॉनमी का जाल इस तरह बुना है की यह बड़े से से बड़े झटके को भी बर्दाश्त करने की क्षमता अभी भी बनाये हुआ है. 70 फीसदी इकॉनमी एग्रो होने के कारण और एग्रो में आत्मनिर्भर होने के कारण भारत के पास यह आत्मविश्वास है कि वह भूखा नहीं सोयेगा और यही आत्मविश्वास और इससे उपजा हौसला इसे लड़ाई में आगे रखे हुए है. भारत की कैपेसिटी बिल्डिंग के तहत जो भी योजनाएं चलाई गईं खासकर के आधारभूत ढांचे का, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत इन सब ने इस लड़ाई में मजबूती से भारत का साथ दिया है, यही कारण है की इस वैश्विक मंदी में भी भारत अभी भी मजबूती से लड़ रहा है जबकि आसपास के देश सरेंडर कर रहें हैं. 

सही शिक्षा का महत्व

Continue Readingसही शिक्षा का महत्व

शिक्षा का अंतिम लक्ष एक स्वतंत्र रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए, जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्रकृति की प्रतिकूलताओं से लड़ सके: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन।

आपातकाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

Continue Readingआपातकाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

20 जून, 1975 को, कांग्रेस ने एक विशाल रैली की, जिसमें देवकांत बरुआ ने घोषणा की, "इंदिरा तेरी सुबह की जय, तेरी शाम की जय, तेरे काम की जय, तेरे नाम की जय," और इस जनसभा के दौरान इंदिरा गांधी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगी।

जोखिमों से भरा है क्रिप्टोकरेंसी

Continue Readingजोखिमों से भरा है क्रिप्टोकरेंसी

भारत सरकार भी इसे करेंसी के रूप में हतोत्साहित करेगी क्योंकि यह तो सत्ता को चुनौती देने वाला मूक अस्त्र है। साथ में कुछ विनिमय प्रतिबंधों को लगाते हुए निवेश और संपत्ति के रूप में इसे परिभाषित कर टैक्स के दायरे में लाया जाएगा और यही इसका भारत में और दुनिया में भविष्य होगा क्योंकि विश्व सत्ता शायद क्रिप्टो स्प्रिंग के रूप में इस आहट को सुन पा रहीं हैं। 

स्व की आध्यात्मिकता से राष्ट्रीय एकात्मकता और अखंडता आयेगी – डॉ. मोहन भागवत जी

Continue Readingस्व की आध्यात्मिकता से राष्ट्रीय एकात्मकता और अखंडता आयेगी – डॉ. मोहन भागवत जी

हम स्वाधीन हुये लेकिन अभी भी हम स्वतंत्र होने की प्रक्रिया में हैं।  इस स्वाधीनता के लिये सभी वर्ग क्षेत्र समाज के लोगों ने त्याग व् बलिदान दिया और स्वाधीनता को लेकर सबके मन  में समान भाव था. जो बातें कुंद्रा डिक्लेरेशन में सन 1830 में कही गई थी वही…

पेट्रोल डीजल में लगी महंगाई की आग

Continue Readingपेट्रोल डीजल में लगी महंगाई की आग

मेरा मानना है कि सरकार को डीजल-पेट्रोल के दाम को कम करना चाहिए और वैकल्पिक ईंधन पर भी काम करना चाहिए। पेट्रोलियम में पुनः पूल फंड का इस्तेमाल करना चाहिए तथा इस तेल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए ताकि इस पर एक यूनिफार्म टैक्स आल इंडिया लग सके। अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग दर ना हो।

आधुनिक विज्ञान के अनुकूल वैदिक ज्ञान…

Continue Readingआधुनिक विज्ञान के अनुकूल वैदिक ज्ञान…

हम भारतीय के रूप में महान संतों और हमारे पूर्वजों द्वारा लिखे गए पवित्र वेदों और हिंदू संस्कृति के ग्रंथों के गहरे और वास्तविक अर्थ को समझने में विफल रहे हैं।  मनोवैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो हमारे प्राचीन काल के किसी भी ज्ञान को कहानी के माध्यम से दिखाने…

चिकित्सा क्षेत्र में हो उत्कृष्टता के प्रयास

Continue Readingचिकित्सा क्षेत्र में हो उत्कृष्टता के प्रयास

हमें यह विश्लेषण करने की आवश्यकता है कि हम महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली जैसे कुछ राज्यों में कोरोना के द्वितीय चरण में एक टीम के रूप में कहां विफल हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कोविड रोगियों और मौतों में वृद्धि हुई। ऐसे कई उदाहरण थे जहां इंजेक्शन, दवाओं, ऑक्सीजन की आवश्यकता और बिस्तर के अति आवश्यकता के कारण लोगों का शोषण किया गया। बहुत से लोगों ने अपनी छोटी सी जमा पूंजी भी खो दी है। दूसरे चरण में जो भी गलतियां हुई हैं, उससे तीसरे चरण में किसी भी अनहोनी से बचने के लिए हमें सबक सीखने की जरूरत है।

End of content

No more pages to load