परिवार एक सामाजिक शरीर है
परिवार भी एक प्रकार का सामाजिक शरीर ही है। मनुष्य अपनी देह तक सीमित नहीं रहता वरन् उसे अपनी स्त्री-बच्चे, भाई-बहन, माता-पिता आदि को मिलाकर एक कुटुंब बनाना पड़ता है । एक घर में एक साथ रहने वाला कुटुंब भी एक शरीर ही होता है। जिस प्रकार अपनी देह के…