राष्ट्र स्वाभिमान पुनर्जागरण के पुरोधा वीर सावरकर
भारतीय स्वाभिमान और स्वातंत्र्य वोध जागरण केलिए यूँ तो करोड़ों महापुरुषों के जीवन का बलिदान हुआ है किन्तु उनमें कुछ ...
भारतीय स्वाभिमान और स्वातंत्र्य वोध जागरण केलिए यूँ तो करोड़ों महापुरुषों के जीवन का बलिदान हुआ है किन्तु उनमें कुछ ...
प्रायः उच्च शिक्षा पाकर लोग धन कमाने में लग जाते हैं; पर स्वाधीनता से पूर्व अनेक युवकों ने देश ही ...
स्वतन्त्रता संग्राम के समय उत्तर भारत में क्रान्तिकारियों की दो त्रिमूर्तियाँ बहुत प्रसिद्ध हुईं। पहली चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल तथा ...
अल्लूरि सीताराम राजू आन्ध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के मोगल्लु ग्राम में 4 जुलाई, 1897 को जन्मे थे। उनकी ...
यूँ तो भारत के इतिहास में राष्ट्र, संस्कृति समाज और स्वाभिमान रक्षा के लिये प्रतिदिन किसी न किसी न किसी ...
सामान्यतः लोग जानते हैं कि अंग्रेजों की हड़प नीति 1857 के आसपास शुरु हुई । पर इतिहास गवाह है कि ...
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 1857 की क्रान्ति को सब जानते हैं। यह एक ऐसा सशस्त्र संघर्ष था जो पूरे देश ...
भारत राष्ट्र के स्वत्व और स्वाभिमान की रक्षा केलिये हुये असंख्य बलिदानों में झलकारी बाई का भी एक ऐसा नाम ...
भारत के स्वाधीनता संग्राम में जिन महापुरुषों ने विदेश में रहकर क्रान्ति की मशाल जलाये रखी, उनमें श्यामजी कृष्ण वर्मा ...
अखंड भारत का सिंध प्रांत वैसे तो सूफियाना अंदाज एवं आध्यात्म के लिए जाना जाता है, परंतु, सिंध प्रांत में ...
सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी और विचारक लाला हरदयाल की गणना उन विरले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में होती है जिन्होंने केवल भारत ही ...
देश को स्वतन्त्र कराने की धुन में जिन्होंने अपनी और अपने परिवार की खुशियों को बलिदान कर दिया, ऐसे ही ...
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