दुनिया में भारत और हिन्दू धर्म का बजा डंका

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हिंदुत्व की बात शुरू होते ही सबसे पहले जिस सन्यासी का नाम याद आता है वो नाम अधिकांश लोगों के लिए स्वामी विवेकानंद का होगा। उन्हें ख़ास तौर पर उनके “शिकागो व्याख्यान” के लिए याद किया जाता है।  ये जो सर्व धर्म सम्मलेन हो रहा था, वो शिकागो के एक…

भारत भक्ति से भरा मन है ‘स्वामी विवेकानंद’

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स्वामी विवेकानंद ऐसे संन्यासी हैं, जिन्होंने हिमालय की कंदराओं में जाकर स्वयं के मोक्ष के प्रयास नहीं किये बल्कि भारत के उत्थान के लिए अपना जीवन खपा दिया। विश्व धर्म सम्मलेन के मंच से दुनिया को भारत के ‘स्व’ से परिचित कराने का सामर्थ्य स्वामी विवेकानंद में ही था, क्योंकि…

स्वामी विवेकानन्द जी की राष्ट्रीय प्रेरणा

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सन १८६३ के प्रारंभ में, १२ जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ हैं उस समय देश की परिस्थिति कैसी थी? १८५७ के क्रन्तियुध्द की ज्वालाएं बुझ रही थी।  यह युध्द छापामार शैली में लगभग १८५९ तक चला। अर्थात स्वामी विवेकानंद के जन्म के लगभग ४ वर्ष पहले तक इस…

स्वामी विवेकानंद: कड़ी मेहनत, समर्पण और आध्यात्मिक शक्ति से बदल सकता है भारत

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युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल में हुआ था। उनका बचपन का नाम नरेंद्र दत्त था। स्वामी विवेकानंद की जयंती को देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन युवाओं को कुछ करने की प्रेरणा देता है। हमारे देश…

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