सुनहरी किरण

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रात के सन्नाटे में जीप धांय-धांय उड़ी जा रही थी...किरण ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठी थी। कांस्टेबल ओम प्रकाश गाड़ी चला रहा थे। पीछे की सीट पर उसकी अन्य दो सहकर्मी निद्रालीन थीं। किरण की वैसे भी अनिद्रा से पुरानी यारी थी, सो वह आगे की सीट पर…

मस्तराम का कीमती खजाना

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राजा-महाराजाओं के जमाने की बात है। किसी गांव में मस्तराम नाम का एक युवक रहता था। वह था तो बहुत गरीब और उसे मुश्किल से ही भरपेट भोजन मिल पाता था। मगर फिर भी वह चिंता नहीं करता था और सदा हंसता-मुस्कराता रहता था। उसमें एक खास बात यह थी…

लालच आदमी को चैन से बैठने नहीं देता

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"तृष्णा" आदमी को जरूरत से ज्यादा धन - दौलत और सुविधाओं को इकट्ठा करने के लिए उकसाती रहती है । सोच यही रहती है कि जितना अधिक ये चीजें रहेगी, हम उतना ही सुखी और प्रसन्न हो जाएंँगे, किंतु यह ख्याल एक धोखा ही सिद्ध होता है । इंसान की…

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