‘कोलावरी डी’ फयूजन या कंफयूजन?

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बेहद अमीर हो या सिग्नल पर भीख मांगने वाला गरीब हो, बालक हो या युवा हो, महिला हो या पुरुष हो सभी ‘कोलावरी डी’ गाने पर ठुमका लगाते हुए दिखाई देते हैं। पिछले तीन माह में इस गाने ने सब को मानो पागल कर दिया है।

एक वो दिन थे

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किसी फिल्म के फ्रमोशन की शुरुआत के लिये उचित समय क्या हो यह फ्रश्न वैसे तो आसान सा नजर आता है फरंतु है वास्तव में कठिन और इसका उत्तर कालानुरूफ और फरिस्थितिवश बदलता भी है।

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