समाजसेवी महर्षि धोण्डो केशव कर्वे

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महर्षि कर्वे का जन्म 18 अप्रैल, 1858 को महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में हुआ था। उनका पूरा नाम धोण्डो केशव पन्त था और वे अण्णा साहब कर्वे के नाम से भी जाने जाते थे। बचपन से ही उनकी पढ़ाई में बहुत रुचि थी।  कक्षा छह की परीक्षा देने के लिए…

हजारों अनाथ बच्चों की ‘माई’ सिंधुताई सपकाल

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एक मां के दो, चार या दस बच्चे हो सकते हैं लेकिन हमें एक ऐसी भी मां मिली जिसके हजारों बच्चे है। उस मां ने उन्हें अपनी कोख से जन्म नहीं दिया था लेकिन वह उनकी असली वाली यशोदा मां थी। वह हमेशा अपने बच्चों का ख्याल रखती और उन्हें…

भटके बच्चों की सेवा का यज्ञ

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बच्चा... हर मां का प्यार और पापा का गुरुर होता है। बच्चा... जो माता पिता की दुनिया बदल देता है। बच्चा... जिसका जन्म होते ही उसके मांता ‡पिता अपनी खुद की जिंदगी की अपेक्षा सिर्फ उसके लिए जीते हैं। उसे अपनी जान से भी ज्यादा संभालते हैं। उसे पाल पोसकर बड़ा करते हैं।

जिनका कोई नहीं, उनका ‘अर्फेाा घर’

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‘अर्फेाा घर’ फरिवार में सेवा को उफकार नहीं, दायित्व समझा जाता है। यह एक ऐसा यज्ञ है जहां आहुति डालना हर भारतवासी का कर्तव्य है। हम सभी समाज के ऋणी हैं और इस फ्रकार के लोगों और संस्थाओं की सहायता कर हम अर्फेाा ऋण उतार सकते हैं।

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