रामलीला के मंचन में पीछे नहीं है महाराष्ट्र
‘अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता’ की कहावत को शब्दश: अंगीकार करते हुए महाराष्ट्र की राजधानी तथा भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में ख्यात मुंबई नगरी में विभिन्न देवी-देवताओं को मानने वालों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है, उसके आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा