सम्यक विवेचन में समग्र विचार आवश्यक

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अंश पूर्ण नहीं होता। सदा अपूर्ण होता है। अंश के आधार पर पूर्ण का विवेचन नहीं हो सकता। विवेचन में देश काल के प्रभाव का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। सम्यक विवेचन में समग्र विचार आवश्यक होता है। देश काल के प्रभाव में समाज बदलते रहते हैं। मान्यताएं भी…

दिव्यांग विश्वविद्यालय के निर्माता स्वामी रामभद्राचार्य 

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किसी भी व्यक्ति के जीवन में नेत्रों का अत्यधिक महत्व है। नेत्रों के बिना उसका जीवन अधूरा है; पर नेत्र न होते हुए भी अपने जीवन को समाज सेवा का आदर्श बना देना सचमुच किसी दैवी प्रतिभा का ही काम है। जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ऐसे ही व्यक्तित्व…

राम कथा और राष्ट्रीय अस्मिता

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यदि कोई पूछे कि भारतीय संस्कृति की परिभाषा क्या है, तो नि:संकोच कहा जा सकता है कि राम का उदात्त चरित्र ही भारतीयता है। राम कथा का आदि स्त्रोत है वाल्मीकि रामायण।

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