स्वत्व और स्वाभिमान से प्रकाशित होने का पर्व है गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर यात्रा और स्वाभिमान को जाग्रत कराने वाले परम् प्रवर्तक के लिये नमन् दिवस । जो हमें अपने आत्मवोध, आत्मज्ञान और आत्म गौरव का भान कराकर हमारी क्षमता के अनुरूप जीवन यात्रा का मार्गदर्शन करें वे गुरु हैं । वे मनुष्य भी हो सकते हैं, कोई प्रतीक भी, अथवा संसार में कोई अन्य प्राणी भी हो सकते हैं ।