संत रविदास जी पर मेरी एक कविता

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मैं कठौती की गंगा मैं सीधा मेरूदंड मैं अगरबत्ती का गंध धूम मैं ज्योति शिखा निषकम्प मैं विनय मै अभय मैं कठौती की गंगा अध्यात्म मेरा पुरुषार्थ मैं ममता समता के हितार्थ मैं भक्ति का छंद मैं निष्ठा अनुबंध श्रम में राम राम में श्रम मेरा पराक्रम पारस पत्थर नहीं…

सामाजिक समरसता के प्रेरक संत रविदास

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संत रविदास का जीवन मानव विवेक की पराकाष्ठा का सर्वोत्तम प्रतीक है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सनातन धर्म के उत्थान तथा भारतीय समाज में उस समय फैली हुई कुरीतियों को खत्म करने में लगा दिया था। उनके शिष्यों में राजपरिवार में जन्मी मीराबाई से लेकर सामान्य जन तक शामिल थे।…

सामाजिक समरसता के प्रेरक संत रविदास

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हिंदू समाज को छुआछूत जैसी घृणित परम्परा से मुक्ति दिलाने वाले महान संत रविदास का जन्म धर्मनगरी काशी के निकट मंडुआडीह में संवत 1433 में  हुआ था। संत रविदास के पिता का नाम राघव व माता का नाम करमा था। जिस दिन उनका जन्म हुआ उस दिन रविवार था इस कारण उन्हें…

संत रविदास की राम-कहानी

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संत रविदास की राम-कहानी कवि देवेन्द्र दीपक की प्रथम औपन्यासिक रचना है। लेकिन इसमें एक अनोखापन है। अधिकतर जीवनियां जिस ढ़ंग से लिखी जातीं हैं, वह उतनी प्रभावी नहीं हो पाती, क्योंकि जीवनी पात्र पाठक से सीधा संवाद स्थापित नहीं कर पाते हैं।

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