मंदिरों में वीआईपी दर्शन का दंश

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फिर मुझे ये समझ में आया कि ये लोग शायद जानबूझकर मंदिर बंद रखते हैं और शाम को ही खोलते हैं ताकी भारी भीड़ हो जाए तो ही लोग VIP दर्शन के लिए धन देंगे ।इसके बाद हम बरसाना गए तो वहां राधा रानी के मंदिर में तो और भी बुरा हाल देखा । प्रसाद लेने के लिए जूतमपैजार लट्टमलट्ठ हुए जा रहे थे लोग । जिनको ईश्वर ने अच्छी लंबाई दी है अच्छी कद काठी दी है वो भी असहाय नजर आ रहे थे । ये सब दृश्य देखकर मन बहुत दुखी हुआ । फिर मन में एक और विचार आया मैंने यूट्यूब पर एक मौलवी का भाषण देखा था वो नमाज़ियों से कह रहा था कि पैग़म्बर ने हमें क्या दिया है ? पैग़म्बर ने हमको अनुशासन सिखाया है कि जब नमाज पढ़ने के लिए मुसलमान इकट्ठा होगा तो एक सीध में खड़ा होगा । एक क़तार लगेगी और हर कोई उस क़तार में अपने पैरों की लाइन को देखकर खुद ही अपने आपको सही कर लेगा । फिर अगर मुल्क का सुल्तान और वजीर भी देर से नमाज पढ़ने आएगा तो वो भी भीड़ के पीछे खड़ा होगा ना कि भीड़ के आगे घुस जाएगा । लेकिन हमारे हिंदू मंदिर अनुशानहीनता और अव्यवस्था का अड्डा बन चुके हैं । और हम सीखने को भी तैयार नहीं हैं ।

मंदिर में वीआईपी दर्शन क्यों ?

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ना #मस्जिदों में VIP टिकट है, ना #गुरुद्वारा में और ना ही किसी #Church में, वहां #अमीर #गरीब सब एक साथ अपने ईश्वर का पूजा करते है, इसी से उनमें एकता है,

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