सम्यक विवेचन में समग्र विचार आवश्यक

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अंश पूर्ण नहीं होता। सदा अपूर्ण होता है। अंश के आधार पर पूर्ण का विवेचन नहीं हो सकता। विवेचन में देश काल के प्रभाव का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। सम्यक विवेचन में समग्र विचार आवश्यक होता है। देश काल के प्रभाव में समाज बदलते रहते हैं। मान्यताएं भी…

तुलसी की सामाजिक समरसता

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तुलसीदास जिस समय अपने विश्वप्रसिद्ध प्रबंध ‘रामचरित मानस’ की रचना कर रहे थे, देश में मुस्लिम शासकों का साम्राज्य स्थापित हो चुका था। मुसलमान परम्पराये, रहन-सहन और संस्कृति भारतीय हिन्दू पराम्पराओं और सनातन संस्कृति से मेल नहीं खाती थीं।

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