तेनाली राम महामूर्ख
विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय होली का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाते थे। इस अवसर पर हास्य-मनोरंजन के कई कार्यक्रम होते थे। हर कार्यक्रम के सफल कलाकार को पुरस्कार भी दिया जाता था।
विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय होली का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाते थे। इस अवसर पर हास्य-मनोरंजन के कई कार्यक्रम होते थे। हर कार्यक्रम के सफल कलाकार को पुरस्कार भी दिया जाता था।
प्राचीन मगध के किसी गांव में एक ज्ञानी पंडित रहते थे। वे भागवत कथा सुनाते थे। गांव में उनका बड़ा सम्मान था। लोग महत्वपूर्ण विषयों पर उनसे ही विचार-विमर्श कर मार्गदर्शन लेते थे।
मनोहर पर्रिकर जी को हम सभी सादगीपूर्ण परंतु तेजतर्रार और हमेशा कार्यमग्न व्यक्ति के रूप में जानते हैं। उनका यह स्वभाव कैसे बना ये उन्होने ही अपने एक आलेख के माध्यम से प्रस्तुत किया था।
एक बार की बात है भगवान् श्रीराम और सीता में वाद -विवाद हो गया । श्रीराम ने कहा कि हनुमान मेरा भक्त है , और सीता माता ने कहा कि हनुमान मेरा भक्त है । तब फिर श्रीराम ने कहा कि हनुमान से ही पूंछ लिया जाये ।
बहुत पुराने समय की बात है एक बार दो राजाओ के बीच युद्ध हुआ। एक राजा दूसरे राजा पर भारी पड़ने लगा।
वन में एक बन्दर था जो जानवरों में सबसे चालाक था. एक दिन हाथी और भालू एक साथ बैठे थे वे सभी परेशान थे. उनकी परेशानी यह थी कि जब दूरदराज से उनके नाम की कोई चिट्ठी आती थी तो उसे लाने में जिराफ काफी समय लगाता था.
आधी रात को एकाएक उनकी नींद उचट गई। उन्होंने पास के कमरे से आती हुई एक आवाज को सुना—‘कल सुबह एक हंडे में पानी खौला देना। मैं उन दोनों बच्चों का वध करना चाहता हूँ
एक नगर में चार दोस्त रहते थे. उनमें से तीन बड़े वैज्ञानिक थे, किन्तु बुद्धिरहित थे, जबकि चौथा वैज्ञानिक नहीं था, पर वह बहुत समझदार और बुद्धिमान था.
एक समय शहर से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। मंदिर में लकडी का काम बहुत था इसलिए लकडी चीरने वाले बहुत से मजदूर काम पर लगे हुए थे।
बहुत समय पहले की बात है कि एक वन में एक विशाल बरगद का पेड़ कौओं की राजधानी था। हजारों कौए उस पर वास करते थे। उसी पेड़ पर कौओं का राजा मेघवर्ण भी रहता था।
वह जंगलवासियों की मेहनत से खरीदी गई दवाइयों को दूसरे जंगल में ले जाकर बेचने लगा तथा शाम को वहां के मरीजों का इलाज करके कमाई करने लगा। धीरे-धीरे उसका लालच बढ़ता गया।
एक गाँव में एक आदमी रहता था| वह आदमी पूरे गाँव में अन्धविश्वासी के नाम से मशहूर था| उसकी पत्नी उससे परेशान हो चुकी थी| जब कभी भी उस आदमी की पत्नी से दूध फेल जाता तो वह घबरा जाता और तुरंत मंदिर में जाकर पाठ करने लगता|