हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
तबाही और सवाल छोड़ गया है ‘फानी’

तबाही और सवाल छोड़ गया है ‘फानी’

by संजय कबीर
in जून २०१९, पर्यावरण, सामाजिक
0

चक्रवाती तूफानों के नाम रखने की भी एक दिलचस्प प्रक्रिया है। अलग-अलग देश तूफानों के नाम सुझा सकते हैं। बस शर्त यह होती है कि नाम छोटे, समझ में आने लायक और ऐसे हों जिन पर सांस्कृतिक रूप से कोई विवाद नहीं हो। फानी तूफान का नामकरण बांग्लादेश की ओर से किया गया है और बांग्ला में इसका उच्चारण फोनी होता है और इसका मतलब सांप है।

क्या फानी एक ऐसा चक्रवाती तूफान है, जो इंसान की गलतियों से पैदा हुआ है? क्या फानी तूफान हमें कुछ ऐसे संकेत कर रहा है, जिसे हम समझ नहीं पा रहे हैं? क्यों फानी तूफान को इस इलाके में आने वाले अन्य चक्रवाती तूफानों से अलग माना जा रहा है? भारत के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाले फानी (या फोनी) तूफान में आखिर खास बात क्या है।

तीन मई को फानी तूफान पूरे वेग से ओड़िशा में पुरी के तट से टकराया। माना जाता है कि इस दौरान दो सौ किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलीं और तेज बरसात हुई। पांच दिन बीतने के बाद भी ओड़िशा के बड़े हिस्से पर तूफान का असर बरकरार था। चक्रवाती तूफान से बचाने के लिए लगभग 11 लाख लोगों को अलग-अलग आश्रय स्थलों में भेजा गया। इसके बावजूद चालीस के लगभग लोग इस तूफान से जान गंवा चुके हैं। केवल ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर में ही दो लाख से ज्यादा पेड़ इस तूफान के चलते उखड़ गए। यह चक्रवाती तूफान इतना भयंकर था कि इसके असर से उबरने में ओड़िशा को अभी महीनों का समय लग जाएगा। इससे पूर्व इतना ताकतवर तूफान इस क्षेत्र में वर्ष 2008 में आया था। माना जाता है कि इस तूफान के चलते म्यांमार में सवा लाख लोग मारे गए थे। हालांकि, इसका ज्यादा बड़ा कारण अर्ली वार्निंग सिस्टम के मजबूत नहीं होने को माना जाता है।

भारत में इस तरह के अर्ली वार्निंग सिस्टम के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है। इसके चलते चक्रवाती तूफान के बारे में जानकारी और उसकी भविष्यवाणी आसान हो गई है। इसी के चलते वर्ष 2013 में आए फेलीन तूफान का सामना करने में भारत सफल रहा था। फेलीन तूफान को फानी से भी ज्यादा मजबूत तूफान माना जाता है।

फानी तूफान श्रीलंका के करीब समुद्र में इक्वेटर के नजदीक से उठा है। वहां से उठते हुए यह आगे बढ़ा है। आमतौर पर बंगाल की खाड़ी में हर साल पांच से छह तूफान आते हैं। हालांकि इनके आने का समय अप्रैल-मई की बजाय अक्टूबर से दिसंबर तक रहता है। अप्रैल-मई के दौरान पैदा होने वाले तूफान आमतौर पर अक्टूबर से दिसम्बर के बीच पैदा होने वाले तूफानों से कमजोर होते हैं। वर्ष 1891 से लेकर अब तक अप्रैल के महीने में बंगाल की खाड़ी में सीवीयर साइक्लोन पैदा होने की केवल 14 घटनाएं हैं, और इनमें से केवल एक ने वर्ष 1956 में भारतीय तट रेखा को छुआ था। आमतौर पर इस तरह के तूफान बांग्लादेश, म्यांमार से टकराते हुए आगे बढ़ जाते हैं। 1990 से इस तरह के केवल चार साइक्लोन अप्रैल के महीने में आए हैं। इसी के चलते फानी को इस क्षेत्र में आने वाले तूफानों से अलग मानकर चला जा रहा है।

साइक्लोन की कमजोरी और ताकत को हवा की रफ्तार से आंका जाता है। तीस से साठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा पर सबसे कमजोर तूफान होता है। जबकि, 61 से 88 की रफ्तार पर उसे साइक्लोनिक स्टार्म, 89 से117 की रफ्तार पर सीवियर साइक्लोनिक स्टार्म और 118 से 166 की रफ्तार पर वेरी सीवियर साइक्लोनिक स्टार्म की श्रेणी में रखा जाता है। जबकि, 167 से 221 की रफ्तार पर एक्सट्रीमली सीवियर साइक्लोन और उससे भी तेज रफ्तार पर उसे सुपर साइक्लोनिक स्टार्म की श्रेणी में रखा जाता है।

चक्रवाती तूफान फानी इक्वेटर रेखा के काफी करीब पैदा हुआ है। यहां से आमतौर पर तूफान पैदा नहीं होते हैं। समुद्र की ऊपरी सतह के गर्म होने से तूफान बनते हैं। समुद्र सतह से साठ मीटर नीचे तक के स्तर का तापमान 28 डिग्री तक होने पर साइक्लोन बन सकता है। समुद्र ज्यादा गर्म होने के चलते इस तूफान के साथ नमी की मात्रा भी बढ़ती गई है। इन्हीं तमाम वजहों से फानी तूफान के विशेष विश्लेषण की जरूरत मानी जा रही है।

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक फानी चक्रवाती तूफान बंगाल की खाड़ी में सबसे ज्यादा समय तक मौजूद रहा। यहां तक कि वर्ष 1901 से लेकर अब तक अप्रैल के महीने में सबसे ज्यादा देर तक यह तूफान बंगाल की खाड़ी में रहा है। इक्वेटर के चार डिग्री उत्तर से इक्वेटर के बीस डिग्री उत्तर तक सफर करने में इस तूफान ने लगभग 11 दिनों का समय लगाया है। वर्ष 1901 के बाद से अप्रैल के महीने में आने वाले तूफानों में से किसी भी तूफान की उम्र 11 दिनों की नहीं रही है। जो तूफान जितनी ज्यादा देर तक समुद्र के ऊपर रहता है, उसमें नमी की मात्रा भी बढ़ती जाती है, इससे वह और ज्यादा मजबूत हो जाता है।

प्रसंगवश, चक्रवाती तूफानों के नाम रखने की भी एक दिलचस्प प्रक्रिया है। अलग-अलग देश तूफानों के नाम सुझा सकते हैं। बस शर्त यह होती है कि नाम छोटे, समझ में आने लायक और ऐसे हों जिन पर सांस्कृतिक रूप से कोई विवाद नहीं हो। फानी तूफान का नामकरण बांग्लादेश की ओर से किया गया है और बांग्ला में इसका उच्चारण फोनी होता है और इसका मतलब सांप है। बाद में जमीन पर जिस तीव्रता से यह तूफान टकराया, उससे भी यह पता चलता है कि यह कितना ताकतवार सांप था।

अब सवाल यह उठता है कि क्या इसमें ग्लोबल वार्मिंग का कोई हाथ है। क्या यह भी जलवायु परिवर्तन का कोई संकेत है। क्या मानवता को इस तरह के चक्रवाती तूफानों के लिए अब तैयार रहना चाहिए कि वे किसी भी समय आ सकते हैं। जाहिर है कि इन सवालों के जवाब अभी ढूंढे जाने हैं।

यह इसलिए भी जरूरी है कि इक्वेटर के पास समुद्र का पानी गरम होने का एक अन्य प्रभाव भी हमारे देश में इस बार देखने को मिलने वाला है। हमारे यहां के मानसून पर इस बार अल नीनो का असर रहने की चेतावनी दी जा चुकी है। इक्वेटर रेखा पर पैसिफिक सागर जब ज्यादा गर्म हो जाता है तो अल नीनो प्रभाव पैदा होता है। इस खास पर्यावरणीय घटना के चलते भारत और अफ्रीका में आने वाली मानसूनी बरसात प्रभावित होती है। माना जा रहा है कि इस वर्ष भी इक्वेटर रेखा पर पैसिफिक सागर पहले की तुलना में ज्यादा गर्म हो गया है। इसके चलते भारत में सामान्य से कम मानसून की चेतावनी पहले ही जारी की जा चुकी है।

 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: biodivercityecofriendlyforestgogreenhindi vivekhindi vivek magazinehomesaveearthtraveltravelblogtravelblogger

संजय कबीर

Next Post
पश्चिम बंगाल रक्तरंजित लोकतंत्र और भ्रष्ट राजनीति

पश्चिम बंगाल रक्तरंजित लोकतंत्र और भ्रष्ट राजनीति

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0