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जब ट्रेवल सिकनेस से हों परेशान, तो ये टिप्स आएंगी काम 

जब ट्रेवल सिकनेस से हों परेशान, तो ये टिप्स आएंगी काम 

by तोषिनी राठोड
in अवांतर
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जब भी आउटडोर पिकनिक या परिवार के साथ टूर पर जाने की बात चलती है, तो हर कोई खुश हो जाता है। चाहे आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हों या फ्लाइट की उड़ान लेने वाले हों या रोड ट्रिप का आपने प्लान बनाया हो, परिवार और दोस्तों के साथ घूमने जाने का मजा ही कुछ और होता है। लेकिन हमारे बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिनके लिए ट्रेवलिंग की ये मज़ा, सजा बन जाती है।

इसका कारण है ट्रैवल सिकनेस, जिसे मोशन सिकनेस का नाम भी दिया जाता है। यात्रा के दौरान होने वाली घबराहट से अक्सर लोगों को उल्टी और चक्कर की समस्या होने लगती है, जिसे ट्रेवल सिकनेस कहा जाता है। इसकी वजह से पूरी यात्रा व्यक्ति के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होती। यह समस्या यात्रा के साथ शुरू होकर 2 से 4 दिन तक रह सकती है। यदि आप भी इस समस्या से परेशान रहते हैं, तो आज हम आपके लिए कुछ खास टिप्स लेकर आए हैं। ये टिप्स आपको ट्रेवल सिकनेस की समस्या से बचा सकते हैं।

बैठने की जगह से ट्रेवल सिकनेस का सीधा संबंध 

यदि आप सोचते हैं कि गाड़ी में बैठने की जगह से आपके मोशन सिकनेस से कोई ताल्लुक नहीं है, तो आप गलत हैं। अक्सर लोग बस या कार के पीछे वाली सीट पर जाकर बैठते हैं, जिसकी वजह से उन्हें सामने बैठे लोगों से ज्यादा गतिविधि का एहसास होने लगता है। इसकी वजह से मोशन सिकनेस की समस्या हो सकती है। इसीलिए हमेशा वाहन की अगली सीट पर बैठने की कोशिश करें, जहां आपको कम से कम गतिविधि का एहसास कम हो। साथ ही यदि आप हवाई जहाज से सफर कर रहे हैं, तो जहाज के विंग के ऊपर बनी सीट का चुनाव करें। इससे आपको ट्रैवल सिकनेस का की समस्या नहीं होगी।

ऑक्सीजन की मात्रा 

यदि आपको मोशन सिकनेस की समस्या है तो आपके लिए हवादार जगह पर बैठना ज़रूरी है।अक्सर हम रोड और ट्रेन यात्रा के दौरान एसी में सफर करना पसंद करते हैं, लेकिन ट्रेवल सिकनेस की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए ये और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। एसी में शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होती, जिसकी वजह से घबराहट होने लगती है। इससे उल्टी और चक्कर के समस्या हो सकती है, इसीलिए हमेशा ऐसी जगह पर बैठे, जहां आपको प्राकृतिक हवा मिलती रहे और ऑक्सीजन की कमी महसूस ना हो।साथ ही कोशिश करें कि तेज़ सुगंधवाले पदार्थ आपकी श्वास द्वारा अंदर ना जाए। ऐसा होने पर आपको उल्टी की समस्या हो सकती है।

खाएं, पर ज़रा संभलकर 

ट्रेवल सिकनेस का सीधा ताल्लुक आपके खाने से है। ज्यादा खाना या बिल्कुल भी ना खाना, दोनों ही स्थितियां आपके लिए खराब हो सकती हैं। इसीलिए यात्रा से पहले या यात्रा के दौरान हल्का और जल्दी पचने वाला खाना खाएं।साथ ही ध्यान रखें कि ज्यादा फैट वाला और मिर्च मसालेदार भोजन ना खाएं, ऐसा करने से यह खाना देर से पचता है और आपको उल्टी और अपच का सामना करना पड़ सकता है। आप चाहे तो फल, अंडे और जूस इत्यादि का सेवन कर सकते है। साथ ही डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आपको समय-समय पर पानी पीते रहना चाहिए। कई बार डिहाइड्रेशन की वजह से भी ट्रेवल सिकनेस की संभावना बढ़ सकती है।

नींद का ना लें सहारा 

यदि आपको ट्रेवल सिकनेस की समस्या है, तो आपको नींद से दूर रहना चाहिए। यदि आप ऐसा सोचते हैं कि यात्रा के दौरान सो कर आप ट्रेवल सिकनेस से दूर रहेंगे, तो यह आपकी गलतफहमी है। यात्रा के दौरान आंखों को बंद करने की वजह से आपको गतिविधि का एहसास अधिक होता है, जिसकी वजह से मोशन सिकनेस की समस्या बढ़ जाती है। इसीलिए यात्रा के दौरान आंखें बंद कर के ना बैठें। साथ ही यात्रा के दौरान खुद को किताबों और मोबाइल में व्यस्त रखने की वजह से भी आपको ट्रेवल सिकनेस की समस्या हो सकती है। दरअसल किताब पढ़ने या मोबाइल पर गेम खेलने की वजह से आपको चक्कर आने की समस्या हो सकती है, जिससे आप ट्रेवल सिकनेस का शिकार जल्दी होते हैं। इसीलिए यात्रा के दौरान इन कामों से दूर रहें।

यदि आप अपना ध्यान दूसरी ओर लगाना चाहते हैं, तो आप चुइंगम या सौंफ खा सकते हैं। इससे आपका ध्यान बंटता है और आपको उल्टी की समस्या नहीं होती। इसके बावजूद यदि आपको ट्रेवल सिकनेस की समस्या से आराम ना मिले, तो आप डॉक्टर से परामर्श लेकर अपने साथ दवाइयां रख सकते हैं, जिसका सेवन आप यात्रा शुरू होने से आधे घंटे पहले कर सकते हैं।

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Tags: #travellingsicknessavantarextrahindi vivekhindi vivek magazinenewsothersubject

तोषिनी राठोड

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