लॉक डाउन खोलने के लिए रेड, ग्रीन, ऑरेंज ज़ोन में बंटेगा देश, राज्यों को निभानी होगी बड़ी जिम्मेदारी

  • पीएम की मुख्यमंत्रियों के साथ 3 घंटे तक चली बैठक
  • कड़े नियमों के साथ लॉक डाउन खोलने पर हुआ विचार
  • रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में बंटेगा देश
  • पीएम: अर्थव्यवस्था पर चिंता की जरुरत नहीं   
प्रधानमंत्री मोदी की सोमवार को बाका राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा हुई जिसमें लॉक डाउन बढ़ाने को लेकर विचार विमर्श किया गया। सोमवार को हुई मिटिंग में सभी राज्यों से कोरोना पर चर्चा की गयी और मोदी ने सभी राज्यों का हाल जाना। बैठक के दौरान राज्य सरकारो को कोरोना के खिलाफ जंग में तैयार रहने के लिए कहा गया क्योकि अब कई राज्य ऐसे है जहां कोरोना का संक्रमण करीब अंतिम चरण पर चल रहा है और अगर राज्य सरकार ध्यान देंगी तो यह जल्द ही खत्म हो जायेगा। पीएम ने कहा कि राज्य सरकारों को एक नीति बनानी होगी जिससे तहत लॉक डाउन धीरे धीरे खोला जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों को रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में बाटा जायेगा और उसके बाद धीरे धीरे लॉक डाउन में राहत दी जायेगी लेकिन इसके लिए राज्य सरकार को निति बनानी होगी कि कैसे लॉक डाउन में ढील दी जाए। जो राज्य कोरोना के संक्रमण से कम पीड़ित है वहां जिले के हिसाब से लॉक डाउन हटाया जा सकता है इसके लिए पूरे राज्य को  रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में बांटना होगा। बैठक में कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अभी लॉक डाउन को फिर से बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है उनके मुताबिक अगर तुंरत से लॉक डाउन खोला गया तो खतरा फिर से बढ़ सकता है।
देश में 3 मई तक के लिए लॉक डाउन जारी है लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए देश की जनता इस असमंजस में पड़ी है कि आगे फिर से लॉक डाउन जारी रहेगा या फिर अब कुछ इलाको में छूट दी जायेगी। कोरोना वायरस की वजह से 25 मार्च से पूरे देश मे लॉक डाउन जारी है जिससे अब लोग परेशान होने लगे है। कुछ लोग पैसों की तंगी से भी गुजर रहे है इसलिए ज्यादातर लोग यह चाहते है कि लॉक डाउन खत्म हो जाये और सब कुछ पहले जैसा समान्य हो जाए क्योंकि ऐसी भी खबरें है कि लॉक डाउन की वजह से अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है जिससे आने वाले समय में नौकरी की भी कमी हो सकती है।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था की किसी को भी चिंता करने की जरुरत नही है सरकार अर्थव्यवस्था पर काम कर रही है जिससे अब अर्थव्यवस्था में किसी भी तरह की गिरावट नही देखने को मिलेगी। जबकि इससे पहले तमाम रिपोर्टों में दावा किया जा रहा था कि लॉक डाउन के बाद पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था गिर सकती है और इसका असर व्यापार और नौकरी पर पड़ने वाला है।

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