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केजरीवाल की जिद ने विपदा और बढ़ा दी

केजरीवाल की जिद ने विपदा और बढ़ा दी

by रुपेश गुप्ता
in ट्रेंडींग, मई - सप्ताह दूसरा, सामाजिक
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कोरोना वायरस का प्रकोप महाराष्ट्र और गुजरात के बाद दिल्ली में सबसे ज्यादा हैं। कोरोना वायरस से जुड़ी हेल्थ अपडेट देने वाली रिपोर्ट की बात माने तो दिल्ली में हर 10 लाख व्यक्ति में से 315 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। भारत में अब लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है। दिल्ली में दूर-दूर तक कोई आशा की किरण नजर नहीं आ रही है क्योंकि राजधानी के सभी 11 जिले खतरनाक घोषित हैं। 8 मई तक, भारत में 56,342 से अधिक मामले सामने आए हैं और लगभग 16,540 मौतें हुईं हैं। दिल्ली में 5,980 से अधिक मामलें हैं और 66 लोगों की मृत्यु हुई हैं। इसके अलावा 8 मई को इसमें 400 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

नई दिल्ली राज्य में सबसे अधिक प्रभावित जिला है। इसके बाद मध्य दिल्ली और उत्तर-पश्चिम दिल्ली हैं जहां मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस बीच दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार लॉकडाउन प्रतिबंधों को कम करने की तैयारी कर रही है और उसने केंद्र से केवल संक्रमित क्षेत्रों को रेड जोन घोषित करने का अनुरोध किया है न कि पूरे जिले को। गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार हरे और नारंगी क्षेत्रों, जिलों में कुछ राहत दी गई हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ राहत उपायों की घोषणा की थी लेकिन स्पष्ट संकेत के साथ कि राज्य में तालाबंदी अगले दो सप्ताह तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा था, ‘दिल्ली को फिर से खोलने का समय आ गया है। हमें कोरोना वायरस के साथ रहने के लिए तैयार रहना होगा। हमें इसकी आदत डालनी होगी।’

गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई दिल्ली में लॉकडाउन के दिशानिर्देशों का ठीक से पालन नहीं करने के लिए दिल्ली की जनता को दोषी ठहराया हैं। लेकिन मेरा मानना है कि राज्य की चुनी हुई अरविंद केजरीवाल की सरकार कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में विफ़ल रही है। इसके पीछे कारण यह है कि लॉकडाउन के सिद्धांतों का पर्याप्त रूप से पालन नहीं करने के कारण यह स्थिति बनी है।

निजामुद्दीन मरकज के कारण भी यह दिल्ली में फैला हैं। इसके चलते बड़े पैमाने पर लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए। इस पर ध्यान नहीं देने के कारण भी दिल्ली में परिस्थिति विस्फोटक हो गई है। मजदूरों को पलायन करने के लिए मजबूर करना भी एक कारण बना हैं। इसके चलते भी लोगों में संक्रमण बढ़ा है और केजरीवाल की सरकार ने उनमें भ्रम फैलाकर
इस विपदा को बड़ा बनने का मौका दिया है। शराब के ठेकों के खुलने के बाद जिस प्रकार शराबियों ने लाइन लगाकर दिल्ली में
कोरोना बांटा है इसके भी दूरगामी परिणाम होंगे और परिस्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल होगा। अब केजरीवाल की दिल्ली को खोलने की जिद इस विपदा को और बढ़ाएगी। ऐसे में दिल्लीवासियों को अपनी सुरक्षा का दायित्व खुद उठाना होगा।

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Tags: #arvindkejriwal #Delhi Coronavirus #COVID19breaking newshindi vivekhindi vivek magazinelatest newstrending

रुपेश गुप्ता

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