कोरोना के संकट से शिक्षा क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, जिसके चलते करोड़ों छात्रों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी हैं। बावजूद इसके एक प्राध्यापक होने के नाते हम अपने उत्तरदायित्वों का पूरी निष्ठा से पालन करते हुए तकनीक की सहायता से छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, यूट्यूब, रिकॉर्डिंग एवं दूरभाष आदि माध्यम से हम विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं, उनका कक्षाएं ले रहे हैं। अध्ययन सामग्री उन तक पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा पीएच. डी. के
विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। आगामी समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे। ऑनलाइन शिक्षा सामग्री अधिक मात्रा में कैसे उपलब्ध हो, ऑनलाइन परीक्षाएं कैसे हो, ऑनलाइन पाठ्यक्रम कैसे पढ़ाये जाए, इस दृष्टि से बड़े परिवर्तन होने की उम्मीद है। लॉकडाउन की स्थिति में सभी अपने घरों में बैठे हुए हैं। लेकिन हम निष्क्रिय नहीं बैठे हैं बल्कि पहले की ही तरह सक्रिय भूमिका निभाते हुए अपने कार्यों में लगे हुए हैं। हमने हाल ही में बीते दिनों दो ‘वेबिनार’ का आयोजन किया था, जिसमें छात्रों सहित विद्वान लोगों को इससे जोड़ा था और इस दौरान शोध प्रक्रिया पर भी चर्चा की थी। वर्तमान विेश व्यवस्था की जो स्थिति है उस पर भी विचार-विमर्श किया था। इसके अलावा
आलोचना की जो नई पद्धतियां हैं, समकालीन विमर्श हैं उस पर भी विस्तार से बात की थी। ज्ञान – विज्ञान के जो नवीनतम साधन और उपलब्धियां हैं, उस संदर्भ में छात्रों कोे अद्यतन रखना बेहद आवश्यक है इसलिए हम तकनीकी साधनों के माध्यम
से कार्य कर रहे हैं। हमारे मार्ग में चाहे किसी भी प्रकार की बाधा आए लेकिन हमें रुकना नहीं है, थकना नहीं है बस राष्ट्र विजय की कामना लेकर आगे ही बढ़ते जाना है। आगामी समय तकनीक आधारित और तकनीक केंद्रित व्यवस्था रहने वाली है।
इसलिए सरकार से हमारा निवेदन है कि शिक्षा जगत में सुविधा के लिए तकनीक आधारित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा दें और इस दिशा में योग्य कदम उठाए; ताकि किसी भी स्थिति में छात्रों को शिक्षा से वंचित न रहना पड़े। बता दें कि किसी भी
देश की प्रगति और आर्थित उन्नति शिक्षा पर ही अवलंबित होती है। इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में जो भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए वे जल्द से जल्द उठाए जाने चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में समय की मांग के अनुरूप सरकार को नई शिक्षा नीति लागू करनी
चाहिए।
अत्युत्तम परामर्श