भारत 130 करोड़ की आबादी वाला देश है और दुनिया का बहुत बड़ा बाजार है। यदि हम सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए कोरोना संकट के बीच स्वयं को बचाए रखते हैं तो भारत का बाजार हमारी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सक्षम है। केंद्र और राज्य सरकारों सहित रिजर्व बैंक के द्वारा उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण कदमों से उद्योग व्यवसाय समेत सभी आर्थिक क्षेत्रों को उबरने में मदद मिलेगी। देश में अनेक प्रकार के परिवर्तन आएंगे। वैसे भी हमारा देश परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। हमें नवोन्मेष, अनुसंधान एवं प्रयोग द्वारा अधिक मात्रा में उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें अपने उत्पाद को सबसे बेहतरीन, टिकाऊ और सस्ते दामों पर दुनिया के बाजारों में पंहुचाना होगा। जिस तरह चीन अपने सामानों को दुनिया भर के
बाजारों में ठेल देता है, उसी तरह भारत को भी अपने उत्पाद दुनिया भर के बाजारों में डंप करने की स्थिति में आना होगा।
स्वदेशीकरण को बढ़ावा देते हुए इंडिया फर्स्ट की नीति को प्राथमिकता देते हुए मेड इन इंडिया का दम दुनिया को दिखाने के लिए हमें अपनी कमर कसनी होगी। दुनिया की नजर में भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। हमें अपनी इस छवि को तोड़कर दुनिया को बाजार बनाना होगा और भारत को आयातक की जगह निर्यातक की भूमिका में आना होगा तभी हम दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बन कर उभरेंगे। बता दें कि विदेशी मीडिया द्वारा जानबूझकर यह भ्रम फैलाया जा रही है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण भारत में भुखमरी की नौबत आ सकती है। देश में खाद्यानों की कमी हो सकती है। इस धुप्पल के पीछे वामपंथियों का भी हाथ हो सकता है क्योंकि भारत में इस तरह की झूठी बातें वही फैला रहे हैं। मैं उनकी खबरों का पूर्णतः खंडन करता हूं। और देश को ओशस्त करता हूं कि हमारे देश में भुखमरी की स्थिति नहीं आएगी। देश में खाद्यान्न बड़ी मात्रा में मौजूद हैं।