स्वयं की खोज का सबसे बेहतरीन उपाय है कि आप खुद को दूसरों की सेवा में लगा दें। हिमाचली समाज मानवता की सेवा के हर अवसर का यथासंभव लाभ उठाते हुए पुण्य का भागी बनता रहा है। अपने इसी दस्तूर को निभाते हुए पहाड़ की जनता ने कोरोना संकट में भी अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। संदेश एकदम स्पष्ट है कि कोरोना को हर हालत में हराना है। कोविड-19 महामारी के खिलाफ सरकार, सामाजिक संगठनों और स्वयं समाज ने प्रभावशाली मोर्चा खोल रखा है। इसी का नतीजा है कि कोरोना वायरस संक्रमितों के महज 16 सक्रिय मामलों के साथ हिमाचल प्रदेश आज देश के उन राज्यों में शुमार है, जहां कोरोना पस्त हुआ है।
इस लड़ाई में हिमाचल सरकार ने एक सुलझी हुई भूमिका निभाई है। जिस दिन राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, लगभग उसी समय से हिमाचल में असरदार तरीके से लॉकडाउन के नियमों का पालन करवाते हुए सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के सभ्य समाज के साथसाथ मेहनती शासन-प्रशासन के प्रयास सराहनीय हैं। लॉकडाउन के उचित क्रियान्वयन के साथ-साथ सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि राज्य एवं दूसरे राज्यों के हिमाचल में फंसे लोगों तक सही समय पर जरूरी वस्तुएं एवं सेवाएं पहुंचाई जाएं। इसी का नतीजा है कि दूसरे बहुत से राज्यों की तुलना में हिमाचल प्रदेश इस समस्या से बेहतर ढंग से निपट पाया है।
कोरोना संकट के दौरान सरकार ने हर जरूरतमंद का दर्द महसूस करते हुए कई आवश्यक योजनाएं शुरू की हैं। केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से हिमाचल को 244 करोड़ से ज्यादा राशि ट्रांसफर की गई। कोरोना आपदा के संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का गठन किया गया है। इसमें गरीबों, मजदूरों, किसानों, विधवाओं व दिव्यांगजनों के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। वहीं, पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार ने अप्रैल, मई और जून के महीने में गरीब लोगों को प्रति सदस्य पांच किलोग्राम चावल और एक किलोग्राम चने की दाल देने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत सूबे के अंत्योदय अन्न योजना और पीएचएच के लगभग चार लाख राशनकार्ड धारकों को मुफ्त चावल व एक दाल मिल रही है।
सरकार ने शहरी जनता की दिक्कतों को दूर करने का भी एक नया तरीका ढूंढा है। जिन लोगों का कोरोना के कारण रोजगार छिन चुका है और हिमाचल वापस आकर बेरोजगार बैठे हैं, उनके लिए गांव की तर्ज पर मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई है। इसके तहत शहरी लोगों को 120 दिन का रोजगार मुहैया करवाया जाएगा और 275 रुपय दिहाड़ी दी जाएगी। इसके तहत यदि किसी को पंजीकरण के 15 दिन के अंदर रोजगार नहीं मिल पाता, तो उस स्थिति में 75 रुपए के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता देय होगा। इसके अतिरिक्त मोदी सरकार की ही तरह हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने मंत्रियों, विधायकों समेत विभिन्न बोर्ड के चेयरमैन-वाइस चेयरमैन की तनख्वाह में कटौती की है। इसके साथ ही अगले दो साल तक के लिए विधायक निधि की राशि को रोक दिया गया है। इस पैसे का इस्तेमाल कोरोना से लड़ाई में किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट ने फैसला किया है कि सभी मंत्रियों, विधायकों, समेत विभिन्न बोर्ड के चेयरमैन-वाइस चेयरमैन की तनख्वाह में अगले एक साल तक 30 फीसदी की कटौती की गई है। यह सभी पैसे अब कोरोना से लड़ाई में इस्तेमाल किए जाएंगे।
देश में जब कभी कोई विपदा आई है, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने आगे आकर खुद को शासन-प्रशासन एवं समाज की सेवा में लगाया है। कोरोना संकट के समय में भी मानवता की सेवा के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक उतर आए हैं। हिमाचल में हजारों स्वयंसेवक अलग-अलग संस्थाओं के माध्यम सें लोगों की मदद कर रहे हैं। इसके तहत क्वारंटाइन सेंटरों में भोजन वितरण व अन्य राज्य के छात्रों की मदद की है। सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए हजारों कार्यकर्ता सेवा में लगे हैं। इस दौरान शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इस दौरान कोरोना से निपटने के लिए संघ कार्यकताओं ने भोजन ( bhojan mantra ), मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध करवाए हैं। संघ के अतिरिक्त भी कई संस्थाएं देवभूमि में कोरोना को हराने के लिए मददगार बनकर आगे आई हैं। कई युवा संगठन सरकारी सहायता लिए बगैर हाथों से निर्मित मास्क बांटने के साथ-साथ सैनेटाइजिंग स्पे्र का छिड़काव कर रहे हैं।
देश के सबसे शिक्षित राज्यों में शुमार हिमाचल प्रदेश की जनता में समाज सेवा का संस्कार सहज ही देखने को मिलता रहा है। कोरोना संकट के दौरान भी शासन-प्रशासन और समाज एक-दूसरे का सहारा बनकर आगे आए हैं। इसी का नतीजा है कि ट्विटर पर हैशटैग हिमाचल मॉडल के नाम से प्रदेश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को खूब सराहा गया। उम्मीद है कि हिमाचल जल्द कोरोना मुक्त होकर दूसरे राज्यों के समक्ष एक आदर्श स्थापित करेगा।
Bahut Acchha karya kiya hai himachal pradesh ki sarkar ne.