डिजिटल साक्षरता और जागरूकता

Continue Readingडिजिटल साक्षरता और जागरूकता

देश-दुनिया में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन व सुधार में सोशल मीडिया की प्रभावी भूमिका रही है, हालांकि इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी है। बावजूद इसके आम आदमी की आवाज बुलंद करने, रोजगार, प्रचार प्रसार और जन जागरण की दृष्टि से सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम बन कर उभरा है।

हिमाचल में सौ फीसदी वैक्सीनेशन

Continue Readingहिमाचल में सौ फीसदी वैक्सीनेशन

प्रदेश सरकार जल्द से जल्द अपनी सारी आबादी को कोविड वैक्सीनेशन के अंतर्गत कवर करने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए अगस्त माह के अंत तक हिमाचल प्रदेश में 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाने की योजना बनाई है। राज्य में 29 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की दूसरी खुराक ले ली है, जबकि नवंबर 2021 तक सभी लोगों का टीकाकरण पूरा कर लिया जाएगा।

हिमाचल में बेअसर होता कोरोना

Continue Readingहिमाचल में बेअसर होता कोरोना

कोरोना संकट के दौरान हिमाचल में हजारो संघ स्वयंसेवक अलग अलग संस्थाओं के माध्यम से लोगों की मदद कर रहे है। स्वयंसेवको ने सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए भोजन, माक्स और सेनिटाइजर उपलब्ध करवाएं है

दुनिया भर में दीपावली की धूम

Continue Readingदुनिया भर में दीपावली की धूम

असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दीपावली इस वर्ष कई मायनों में विशेष रहने वाला है। सनातन भारतीय परंपरा के पावन प्रतीक अयोध्या के श्रीराम मंदिर को लेकर लंबी सुनवाई के बाद माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला कुछ समय में आने ही वाला है। न्याय और अन्याय के बीच लंबे अरसे तक चले इस संघर्ष के बाद अब बहुत जल्द ’न्यायिक दीप’ जलने की प्रबल आशा दिखाई पड़ रही है। इसी बीच राम की नगरी अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी समूची सरकार के साथ

बौद्धिक जमात का अर्द्धसत्य

Continue Readingबौद्धिक जमात का अर्द्धसत्य

भारतीय सिनेमा और उसमें भी खासकर बॉलीवुड में खुद को बुद्धिजीवी वर्ग का प्रतिनिधि मानते हुए देश-समाज से जुड़े विभिन्न मसलों पर निष्कर्ष के रूप में टिप्पणी दर्ज करवाने का एक अनूठा सा चलन चल पड़ा है। किसी व्यक्ति की निजता क्या होनी चाहिए से लेकर समाज में सहिष्णुता-असहिष्णुता का स्तर मापने के लिए इन स्वघोषित बुद्धिजीवियों का वर्ग हमेशा तैयार रहता है।

प्लास्टिक प्रदूषण पर हो संगठित प्रहार

Continue Readingप्लास्टिक प्रदूषण पर हो संगठित प्रहार

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की दुनिया में ऐसे बहुत से आविष्कार किए गए, जो मनुष्य जीवन को सरल एवं बेहतर बनाने के उद्देश्य से किए गए लेकिन समय के साथ-साथ वही मानव जीवन के लिए एक बड़ा संकट बन गए।

सोशल मीडिया में जारी सियासी संघर्ष

Continue Readingसोशल मीडिया में जारी सियासी संघर्ष

किसी भी युद्ध में सफलता हासिल करने के लिए हर पक्ष एक स्पष्ट रणनीति के साथ मैदान में उतरता है। हालांकि इस रणनीति के भी आगे कई अंग हो सकते है। इस रणनीति में सम्मिलित हर अंग की अपनी एक खास योग्यता और क्षमता होती है। लोकसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही भारत में इन दिनों राजनीतिक दलों के स्तर पर एक युद्ध सा छिड़ चुका है और इस युद्ध को फतह करने के लिए हर दल अपनी-अपनी रणनीति के तहत लड़ रहा है।

ममता के किले में सेंधमारी की तैयारी

Continue Readingममता के किले में सेंधमारी की तैयारी

जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भूमि यानी पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए एक निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। 42 लोकसभा सीटों वाला पश्चिम बंगाल केंद्र की सत्ता तक पहुंचने में किसी भी दल के लिए बड़ा मददगार साबित हो सकता है। सत्ता में पुनः वापसी के लिए प्रयासरत भाजपा ने भी इन सीटों पर करीब से नजर रखी हुई है।

जम्मू में राज्यपाल शासन के मायने

Continue Readingजम्मू में राज्यपाल शासन के मायने

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन आना ही था। गठबंधन में शामिल महबूबा मुफ्ती की पीडीपी और भाजपा में वैचारिक धरातल पर अंतर्विरोध था। पीडीपी की संवेदनाएं जहां अलगाववादियों व आतंकवादियों के पक्ष में उमड़ती रहीं, वहीं भाजपा सूबे में अमनचैन की पक्षधर रही। राज्यपाल शासन से अब कुछ उम्मीदें बढ़ी हैं।

देवभूमि में भाजपा के सिर सत्ता का ताज

Continue Readingदेवभूमि में भाजपा के सिर सत्ता का ताज

रविंद्र सिंह भड़वाल इंट्रो हिमाचल प्रदेश में हालांकि भाजपा को भारी बहुमत मिला है, फिर भी चुनावी परिणाम कई मायनों में हैरान करने वाले रहे. हिमाचली राजनीति के कई सियासी धुरंधर चुनावों में बुरी तरह पिट गए. भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही इस तरह के अप्रिय अनुभवों के दौर से गुजरना पड़ा.

करें स्वरोजगार का दर्शन

Continue Readingकरें स्वरोजगार का दर्शन

आज देश की करीब ६५ फीसदी कार्यशील युवा आबादी है और यही जनसांख्यिकी लाभांश भारत की मौजूदा समय में सब से बड़ी पूंजी है। इसी कार्यबल का यदि सदुपयोग हो जाए, तो कोई वजह नहीं बचती कि भारत विश्व शक्ति न बन पाए। इसके लिए पहली शर्त तो यही मानी जाएगी कि देश का हर ह

End of content

No more pages to load