- वित्त वर्ष 2019-20 के जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े जारी
- 2019-20 का GDP ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी रहा
- सरकार ने 2019-20 के लिए 5 फीसदी का दिया था अनुमान
- निगेटिव में जा सकती है 2020-21 की जीडीपी ग्रोथ रेट
कोरोना वायरस महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को संभालना भी एक बड़ी चुनौती बन चुकी है क्योंकि सरकार एक तरफ लॉक डाउन को आगे बढ़ाना चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था को भी सुधारने की कोशिश जारी है लेकिन इन सबके बाद भी देश का सकल घरेलू उत्पाद लगातार नीचे गिरता जा रहा है। शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने वित्त वर्ष 2019-20 के जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े को जारी कर दिया। आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी रही। पिछले एक दशक में यह अब तक का यह सबसे निचला स्तर है इससे पहले भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 फ़ीसदी तक पहुंच चुकी है। सरकार की तरफ से यह अनुमान लगाया गया था कि वित्त वर्ष 2019-20 का जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फ़ीसदी रहेगा लेकिन सरकार का यह आंकड़ा सही साबित नहीं हुआ और जीडीपी ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी पर आ गिरी। वर्तमान जीडीपी ग्रोथ रेट सरकार के आंकड़े के अनुमान से करीब 0.8 फ़ीसदी कम है।
महामारी से जीडीपी को झटका
कोरोना वायरस की वजह से वित्त वर्ष 2019-20 के चौथी तिमाही को बड़ा झटका लगा है। महामारी की वजह से चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च के बीच बाजारों पर बुरा असर देखने को मिला, यह वही समय है जब कोरोना ने भारत में दस्तक दी और अर्थव्यवस्था लगातार नीचे गिरती चली गई। जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में जीडीपी करीब 3 फ़ीसदी पर पहुंच गई थी जिसकी वजह से पूरे जीडीपी को बड़ा झटका लगा और यह 4.2 पर लुढ़क कर पहुंच गई।
The GDP growth in 2020-21 is expected to remain in the negative category with some pick up in second half: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/wq3VUcBK7C
— ANI (@ANI) May 22, 2020
वित्त वर्ष 2018-19 के बाद से गिरावट का दौर
वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट करीब 8 फ़ीसदी पर पहुंच गई थी जबकि दूसरी तिमाही में यह नीचे गिरकर 7 फ़ीसदी तक आ गई। इसके बाद तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही में और गिरावट देखने को मिली और यह 5.8 पर पहुंच गई जिसके बाद सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 5 फ़ीसदी का अनुमान लगाया था लेकिन पिछले 1 साल से लगातार गिरावट की वजह से जीडीपी ग्रोथ 5 फ़ीसदी पर भी नहीं रुक सका और यह 4.2 फ़ीसदी पर पहुंच गया।
वित्त वर्ष 2020-21 में निगेटिव हो सकती है GDP
कोरोना वायरस के हालात को देखते हुए आगे भी इसके सुधारने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने यह आशंका जाहिर की है कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी ग्रोथ नकारात्मक हो सकती है यानी इसमें बड़ी बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में दो महीने का लॉक डाउन पूरा हो चुका है लेकिन देश के हालात अब भी स्थिर नहीं हुए है जिससे लॉक डाउन को आगे बढ़ाने की फिर से बात चल रही है। देश में जितने लम्बे समय के लिए लॉक डाउन लगेगा अर्थव्यवस्था उतनी ही गिरती जायेगी।