विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की फंडिंग पर अमेरिका ने लगाई रोक, “WHO पर है चीन का नियंत्रण”

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का WHO पर बड़ा ऐलान
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग पर अमेरिका ने लगाई रोक
  • चीन 40 मिलियन डॉलर व अमेरिका 450 मिलियन डॉलर देता है दान
  • अमेरिका का आरोप चीन करता है WHO को कंट्रोल
विश्व में फैली महामारी के बाद से लगातार अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन पर सवाल उठा रहा था और यह आरोप लगा रहा था कि WHO चीन के अनुसार काम कर रहा है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से इस पर बार बार सफाई भी दी गयी। अमेरिका के अलावा करीब 60 अन्य देशों ने भी WHO के कार्यों पर सवाल उठाया था और जांच की मांग की थी इसमें भारत भी शामिल था। WHO पर आरोप लगा रहा था कि उसे चीन के द्वारा संचालित किया जा रहा है जिससे पूरी दुनिया में गलत निर्देश जारी किये जाते है।
 

WHO से अमेरिका ने खत्म किये संबंध
अमेरिका की तरफ से जारी लगातार विरोध के बाद ट्रंप ने WHO को लेकर एक बड़ा ऐलान कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO से सभी संबंधों को खत्म करता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि WHO को दिया जाने वाला फंड अब किसी पब्लिक हेल्थ केयर संगठन को दिया जायेगा जो लोगों की सेवा करता है। ट्रंप ने चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि चीन WHO में सालाना सिर्फ 40 मिलियन डॉलर का भुगतान करता है जबकि अमेरिका 450 मिलियन डॉलर दान देता है फिर भी WHO पर चीन का पूरी तरह से नियंत्रण बना हुआ है और WHO का हर फैसला चीन के फायदे को ध्यान में रख कर दिया जाता है इसलिए अमेरिका WHO से अपने सभी संबंध खत्म करता है।
महामारी के लिए चीन जिम्मेदार!
अमेरिका ने कहा कि चीन के वुहान से महामारी की शुरुआत हुई जिससे लाखो की संख्या में लोगों की जिंदगी गवानी पड़ी है अगर चीन इसकी जानकारी दूसरे देशों से साझा करता तो लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी। पूरी दुनिया चीन से जवाब चाहती है जबकि चीन अब भी यह मानने को तैयार नही है कि कोरोना की शुरुआत चीन से ही हुई है। चीन सभी को गुमराह कर रहा है और यह दावा कर रहा है कि कोरोना की शुरुआत चीन से नहीं हुई है।
चीन पर लगा डेटा चोरी का आरोप!
चीन पर डेटा चोरी का आरोप भी हमेशा से लगता रहा है। भारत और अमेरिका जैसे तमाम देश यह आरोप लगाते रहे है कि चीन अपनी टेक्नॉलिजी के द्वारा दूसरे देशों से डेटा चोरी करता रहता है। अमेरिका ने WHO के साथ चीन को भी बड़ा झटका देते हुए ऐलान किया कि वह अमेरिका से कई ऐसे महत्तवपूर्ण लोगों को बाहर करेगा जिस पर डेटा चोरी के शक पैदा हो रहे है। इसके साथ ही चीनी छात्रों को भी बाहर करने की बात सामने आ रही है।

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