सुप्रीम कोर्ट से जनता को झटका, कंपनियों पर वेतन के लिए सरकार नहीं बना सकती दबाव

  • सुप्रीम कोर्ट से आम आदमी को झटका
  • कंपनियों पर नहीं बना सकते वेतन के लिए दबाव
  • सरकार ने कहा था सभी कंपनी दें कर्मचारियों को वेतन
  • जुलाई तक सरकार को देना है हलफनामा 
 
सुप्रीम कोर्ट से कंपनियों को राहत
कोरोना वायरस की वजह से जारी महामारी के बीच देश की आम जनता हर तरफ से पिसती नजर आ रही है। महामारी के चलते सबसे पहले लोगों की नौकरी चली गई, जिन लोगों की नौकरी बची रही उनके वेतन को 50 फ़ीसदी तक काट दिया गया। हालांकि बाद में सरकार की तरफ से यह आदेश जारी किया गया की कंपनियां किसी की भी सैलरी ना कट करें और उन्हें लॉकडाउन के दौरान तक पूरा वेतन मुहैया कराएं। वही कंपनियों की तरफ से सरकार के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों के हक में फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार किसी भी कंपनी पर दबाव नहीं बना सकती है। अगर कोई भी कंपनी किसी का वेतन कट करती है तो नियोक्ता के खिलाफ सरकार की तरफ से कठोर कार्यवाही नहीं की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार की पूरी सैलरी देने की अधिसूचना को पूरी तरह  लागू नहीं किया जा सकता और इसके लिए कर्मचारी और नियोक्ता को आपस में बैठकर इस विवाद को निपटाना होगा।
कंपनियों पर नहीं होगी कठोर कार्रवाई 
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि हमने अपने फैसले में यह कहा है कि नियोक्ताओं के खिलाफ कोई भी कठोर कार्यवाही नहीं की जाएगी इसके साथ ही केंद्र सरकार को जुलाई के अंतिम सप्ताह तक इस मामले पर एक विस्तृत हलफनामा कोर्ट में दाखिल करना होगा। इस पूरे मामले में राज्य सरकार के श्रम विभाग और नियोक्ताओं के बीच बातचीत कर इसका हल निकाला जाएगा। सरकार किसी पर भी दबाव नहीं बना सकती है। 
 
वेतन से रुक सकता था पलायन
इस मामले पर इससे पहले हुई सुनवाई में सरकार ने अपनी दलील देते हुए कहा था कि नियोक्ताओं को इसलिए पूरी सैलरी देने के लिए कहा गया था ताकि लोगों का पलायन रोका जा सके। केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाना चाहती है इसलिए वह चाहती है कि कंपनियां लोगों को पूरा वेतन मुहैया कराए जिससे लोग पलायन ना करें। अब कंपनियों और उनके कर्मचारियों के बीच आपसी बातचीत के बाद यह तय किया जाए की कितना वेतन का भुगतान करना दोनों के लिए सही होगा।
महामारी को लेकर महानगरों से लोगों ने पैदल ही पलायन शुरू कर दिया है क्योंकि लोगों के पास रोजगार नहीं है ज्यादातर लोगों की हर दिन की इनकम पूरी तरह से बंद हो चुकी है जिसके बाद सरकार ने यह निर्देश जारी किया था की कंपनियां किसी की भी नौकरी खत्म ना करें और सभी को पूरा वेतन मुहैया कराएं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दिया है। कंपनियों की तरफ से भी यह दलीली दी गयी कि उनके उद्योग पूरी तरह से बंद है फिर ऐसे में सभी को पूरा वेतन मुहैया कराना मुश्किल है।

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