प्रधानमंत्री ने अचानक से किया लेह का दौरा, सेना के जवानों से ली हालात की जानकारी

  • प्रधानमंत्री मोदी ने लेह का किया दौरा
  • मोदी के साथ चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत मौजूद
  • सेना के जवानों से भी किया आधे घंटे तक बात
  • पीएम दौरे में हुआ सोशल डिस्टेंसिग का पालन 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन सीमा विवाद के बीच अचानक से लेह पहुंच गये और हालात का जायजा लिया। मई महीने से ही भारत-चीन के बीच सीमा विवाद जारी है ऐसे में प्रधानमंत्री की यह यात्रा काफी मायने रखती है। पीएम के साथ चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत भी मौजूद रहे और उन्होने तीनों सेनाओं की ज़मीनी हकीक़त से पीएम को रुबरु करवाया। जानकारी के मुताबिक इस यात्रा पर पहले बिपिन रावत को ही आना था लेकिन पीएम का दौरा अचानक से हो गया जिससे सेना और बड़े अधिकारी भी हैरान है। पीएम ने अपनी यात्रा के दौरान भारत-चीन सीमा पर कई पोस्ट का दौरा किया और सेना के अधिकारियों हालात को जाना।
पीएम ने सेना के अधिकारियों से सीधे बात की और सीमा की ज़मीनी हकीक़त को जानने की कोशिश की। इस दौरान प्रधानमंत्री नीमू पोस्ट पर गये जो सबसे ऊंची पोस्ट मानी जाती है यहां पर पीएम ने सेना के उच्च अधिकारियों से बात की और हालात का जायजा लिया। भारत चीन सीमा विवाद को लेकर लगातार दोनों देशों की सेना अधिकारियों के बीच बैठक चल रही है लेकिन अभी तक इस पर कोई आखिरी निर्णय नहीं हो पाया है इसके साथ ही सीमा पर अब भी तनाव जारी है।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिग का पूरा पालन किया गया और सभी ने दो गज की दूरी बना कर की बात की। प्रधानमंत्री ने सेना के जवानों से भी करीब आधे घंटे तक बात की और उनका हौसला बढ़ाया। पीएम ने सभी से कहा कि देश को जो भी आँख दिखायेगा उसे जवाब दिया जायेगा।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लेह दौरा करने का प्रोग्राम तय किया गया था लेकिन उसे अचानक से निरस्त कर दिया गया और खबर मिली की अब सिर्फ बिपिन रावत ही लेह का दौरा करेंगे लेकिन अंत समय में परिवर्तन किया गया और बिपिन रावत के साथ प्रधानमंत्री भी यात्रा में शामिल हो गये।

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  1. अविनाश फाटक, बीकानेर. (राजस्थान)

    क्या कहें इस परामानव को? श्रद्धा से मस्तक झुक जाता है. यह हमारा सौभाग्य है कि हम इस महामानव को और उसके अकल्पनीय कर्तृत्व को अपनी आंखों से देख रहे हैं.न ऐसा प्रधानमंत्री कभी हुवा,न कभी होगा.(संभवतः शास्त्रीजी और अटलजी के साथ अन्याय होगा)
    आज के इस अवसर पर,विपक्ष के किसी भी जन प्रतिनिधी का उल्लेख करना,दूध में नमक छिडकने जैसा होगा.क्योंकि वे बहुत ही बौने हैं.
    बस इतना ही पर्याप्त है कि आप आत्ममंथन करें और देखें कि आप कहां हैं,और यह महामानव किस ऊंचाई पर है.परमपिता आपको आत्मविश्लेषण करने का साहस दे.
    शत शत नमन.

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