टूट सकता है विकास का लखनऊ वाला घर

  • 40 थानों की पुलिस कर रही विकास की खोज
  • विकास दूबे के 4 सहयोगी हुए गिरफ्तार
  • पुलिस की रडार पर विकास की पत्नी
  • विकास के लखनऊ वाले पर घर पर पहुंचा स्थानीय प्रशासन
 
विकास की तलाश में यूपी पुलिस
उत्तर प्रदेश का कानपुर इनकाउंटर लगातार चर्चा का विषय बनता जा रहा है। 8 पुलिस वालों की हत्या कर फरार आरोपी विकास दूबे की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दिन रात मेहनत कर रही है। आरोपी विकास दूबे के परिजनों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर विकास दूबे कहां छिपा है जिसे पूरे राज्य की पुलिस ठूंठने में नाकाम साबित हो रही है। विकास दूबे की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने कई टीमें तैयार की है जो अलग अलग शहरों में छापे मारी कर रही है। विकास दूबे के लखनऊ वाले घर पर भी पुलिस ने पहला कड़ा कर दिया है जिससे विकास दूबे अगर वहां आता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सके लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस की अब तक की सब कोशिश नाकाम हो रही है। 
 
आरोपी का लखनऊ का घर भी हो सकता है ज़मीदोज
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से विकास दूबे पर शिकंजा लगातार कसता ही जा रहा है विकास दूबे का कानपुर का घर पहले ही गिरा दिया गया था और अब लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम विकास दूबे के लखनऊ घर पर पहुंच कर छानबीन कर रही है। लखनऊ के इंद्रलोक में स्थित विकास दूबे के घर के नक्शे और जरूरी कागज़ात की जाच की जा रही है  ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि लखनऊ प्रशासन इस घर को भी ज़मीदोज करने वाली है। 
 
पुलिस ने विकास दूबे केस में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें विकास दूबे की बहु क्षमा दूबे भी शामिल है। पुलिस का आरोप है कि क्षमा दूबे ने विकास और उनकी साथियों की हत्या वाली रात भागने में मदद की थी साथ ही पुलिस की पूरी जानकारी भी विकास तक क्षमा दूबे ही पहुँचाती थी। 
 
विकास पर 2.5 लाख हुआ ईनाम
विकास दूबे की गिरफ्तारी के लिए कुल 40 थानों की पुलिस उसकी तलाश कर रही है लेकिन पुलिस को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है जिसके बाद पुलिस ने विकास दूबे के उपर लगने वाली ईनाम राशी बढ़ा दी है अब विकास दूबे की सूचना देने वाले को 2.5 लाख का ईनाम दिया जायेगा जबकि सबसे पहले विकास पर 50 हजार के ईनाम था बाद में उसे बढ़ाकर 1 लाख किया गया और अब उसे ढाई लाख कर दिया गया है।  

This Post Has One Comment

  1. Dr. Pramod Pathak

    विकास दुबे की गुंडागर्दी और पुलिस कर्मियों से मिलिभगत बडी राजकीय सहायता बिना आगे बढे नहीं सकतीथी|{ उस के पिछे डटकर खडे रहने वालों के नाम उजागर करनै से अगले चुनाव में उन का लोग सफाया कर सकते हैं| नहीं तो आदत से मजबूर वेळ लोग नया विकास दुबे खडा करेंगे| प्रमोद पाठक|

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