हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
आखिर बाजार से क्यों गायब हो रहे चीनी सामान!

आखिर बाजार से क्यों गायब हो रहे चीनी सामान!

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग
2
  • भारत में चीनी सामान का विरोध अब भी जारी
  • त्यौहार के दौरान बाजारों नहीं दिख रहे चीनी सामान
  • व्यापारियों ने भी नहीं दिये चीन को ऑर्डर
  • त्योहारों में चीन से 20 हजार करोड़ तक का होता था आयात 
    भारत चीन सीमा पर हुए विवाद के बाद से चीन ने कई बार सफाई पेश किया और ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहा है कि अब हालात बिल्कुल ठीक है लेकिन भारत अभी भी चीन से रिश्ते सामान्य करने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। भारत ने सीमा पर तो चीन को करारा जवाब दिया लेकिन शायद अभी भारत के प्रधानमंत्री का दिल इतने से नहीं भरा है और वह अपने 20 जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए और भी उपाय सोच रहे है। भारत सरकार ने सीमा के बाद अब चीन की अर्थव्यवस्था को हिलाने का फैसला किया है इसलिए चीन के साथ जारी व्यापार को कम से कम करने की कोशिश जारी है सरकार को इसमें लोगों को भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। 
     
    मानसून के बाद देश में त्योहारों को सीज़न शुरु हो जाता है और रक्षाबंधन के बाद साल के अंत तक कोई ना कोई त्यौहार लगातार जारी रहता है। बाजार की भाषा में कहें तो यह समय त्यौहारी सीजन होता है जिसमें व्यापारियों को एक बड़ा मुनाफ़ा कमाने को मिलता है। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से हालात अच्छे नहीं है बाजारों में जो रौनक हर साल शुरु होती थी वह नजर नहीं आ रही है वहीं इस बार लोगों के विरोध की वजह बाजार में चीनी सामान भी नहीं नजर आ रहा है।
     
     
    रक्षाबंधन की राखी से लेकर दीवाली की लाइट सब कुछ चीन से ही ख़रीदा जाता था क्योंकि यह सस्ते होने के साथ साथ थोड़ा आकर्षक भी होता था लेकिन व्यापारियों की मानें तो इस बार चीन को इन सब का बहुत ही कम मात्रा में ऑर्डर दिया गया है। सीमा पर जवानों की धोके से हत्या के बाद देश की जनता और व्यापारी दोनों ही चीन के सामान का विरोध कर रहे है और यह निश्चित किया है कि चीन से सामान नहीं मंगाया जायेगा जबकि इससे त्यौहार के दौरान करीब 20 हजार करोड़ तक का सामान चीन से आयात किया जाता था। रक्षाबंधन के दौरान बिकने वाली रंग बिरंगी राखियां भी चीन से ही आती थी लेकिन इस बार बाजार में सिर्फ देश में बनी राखी ही नजर आयेगी। हर बार की तरह इस बार राखी में चमक कम हो सकती है लेकिन देश की जनता ने अगर स्वदेशी राखियों का इस्तेमाल किया तो देश की अर्थव्यवस्था जरुर चमकेगी।
    देश में खिलौनों की भी बड़ी खपत है और ज्यादातर चीन से ही आता है लेकिन इस बार खिलौनों की मांग में कमी और सीमा पर चीन से जारी विवाद को लेकर इसके भी आयात में कमी देखने को मिल रही है। देश में खिलौना बनाने वाली कंपनियों की मानें तो इस फैसले से ना सिर्फ चीन का विरोध कर सकते है बल्कि देश के अंदर बन रहे खिलौनों के व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने भाषण के दौरान कहा था कि हमें इस आपदा को अवसर में बदलना चाहिए और लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा देना चाहिए। देश को आत्मनिर्भर बनाना है और दूसरे देशों पर कम से कम निर्भर रहना है क्योंकि आप जब तक किसी और पर निर्भर रहेंगे तब तक आप एक विकसित देश नहीं बन सकते।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: breaking newshindi vivekhindi vivek magazinelatest newstrending

हिंदी विवेक

Next Post
पश्चिम बंगाल में बीजेपी विधायक की हत्या या आत्महत्या!

पश्चिम बंगाल में बीजेपी विधायक की हत्या या आत्महत्या!

Comments 2

  1. Braham Singh mavi says:
    5 years ago

    Correct,it should be totally boycott

    Reply
  2. Anonymous says:
    5 years ago

    Good going. Must continue.

    Reply

Leave a Reply to Anonymous Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0