- सचिन पायलट से छिना उपमुख्यमंत्री और अध्यक्ष का पद
- कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने बीजेपी पर लगाया आरोप
- पायलट ने कहा सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं
- बीजेपी की बुधवार को होगी बैठक
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राजस्थान में कांग्रेस में जारी तूफान लगातार बढ़ता जा रहा है और तमाम कोशिश के बाद भी सचिन पायलट की पार्टी की दूरी बढ़ती जा रही है। सचिन पायलट अब ना तो राजस्थान के उप मुख्यमंत्री है और ना ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष, उनसे दोनों ही पद ले लिया गया है सचिन पायलट ने भी तेजी दिखाते हुए अपना ट्वीटर अकाउंट भी अपडेट किया और उस पर से उप मुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद को निकाल दिया। सचिन के ट्विटर हैंडल पर अब वह सिर्फ एक विधायक की हैसियत से है।
My heartfelt thanks and gratitude to all those who have come out in my support today.
राम राम सा !— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
सचिन पायलट की बगावत को मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य सिंधिया से जोड़ कर देखा जा रहा था और सभी को यह उम्मीद थी कि सचिन पायलट की बगावत के साथ ही मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान की राजनीति में बदलाव देखने को मिलेगा लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और अशोक गहलोत सचिन पायलट पर भारी पड़ गये और अभी तक की मानें तो आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस सरकार बचाने में कामयाब भी रहेगी हालांकि यह राजनीति है यहां कुछ भी निश्चित नहीं होता है वहीं सचिन ने उन लोगों को धन्यवाद दिया जो उनके साथ खड़े है और ट्वीट कर कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता।सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
कांग्रेस की तरफ से राजस्थान में जारी बगावत को लेकर बीजेपी पर आरोप लगाया जा रहा है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरेजावाल ने कहा कि बीजेपी राज्य की चुनी हुई सरकार को गिराने पर लगी हुई है। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने कुछ एजेंसियों की बदौलत विधायको को डराने की कोशिश की और राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने पर तुली हुई है यह लोकतंत्र की हत्या है।राजस्थान बीजेपी भी इस ताक में है कि मौका मिले और राजस्थान की राजनीति को बदल दिया जाए लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है अभी तक कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है लेकिन सचिन पायलट के गुट ने फ्लोर टेस्ट की मांग की है। बुधवार को जयपुर में बीजेपी की बैठक होने वाली है जहां कांग्रेस में जारी गतिरोध पर विचार विमर्श किया जायेगा और इस पर भी विचार किया जायेगा कि इस मुश्किल में हालात में पार्टी को आगे किस तरह से काम करना है।
किसी भी घटना-दुर्घटना का आरोप संघ/भाजपा पर लगाना तो इन सब का मौलिक अधिकार ही बन चुका हैl
परंतु आज अशोक गहलोतजी ने,अपने ही दल के सचिनजी पायलट एवं उनके साथियों पर जिस अभद्रता से एवं स्तरहीन भाषा में आरोप लगाए हैं,वह निंदनीय हैl क्या यही कांग्रेस की संस्कृति एवं वास्तविक चरित्र है? कल यदि कोई,उनके इन वक्तव्यों के साथ न्यायालय में पहुंच जाए,तो गहलोतजी को मूंह छुपाने के लिये भी जगह नहीं मिलेगी.
जिन ओछे हथखंडों से उन्होंने सचिनजी से बैर निकाला है,वह उनके निम्न स्तर को ही प्रदर्शित करता है.यह उनकी जीत नहीं,घोर पराजय हैl उनके इस आचरण ने, उनके राजनैतिक भविष्य के ताबूत में अंतिम और निर्णायक कील ठोक दी है.भगवान उनका भला करेl