राजस्थान में जारी विवाद के लिए कांग्रेस खुद जिम्मेदार-संबित पात्रा

  • सचिन पायलट के पांच विधायकों ने बदला पाला
  • हाई कोर्ट ने सचिन पायलट ग्रुप को राहत
  • संबित पात्रा ने कहा इस विवाद के लिए कांग्रेस खुद जिम्मेदार
  • फोन टैपिंग पर भड़की बीजेपी, मांगा जवाब
फोन टैपिंग पर भड़की बीजेपी
राजस्थान की राजनीति में फोन टैपिंग को लेकर फिर से एक नया भूचाल आता नजर आ रहा है और राजनीतिक पार्टियाँ एक दूसरे पर आरोप लगी रही है। कांग्रेस ने पहले बीजेपी पर आरोप लगाया था कि वह राजस्थान की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को गिराने का काम रही है इसके साथ ही कांग्रेस ने एक ऑडियो भी जारी किया था जिसमें बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री राजस्थान के कांग्रेस विधायक से बात कर रहे है। बीजेपी ने अपने उपर लगे आरोपों को लेकर अब कांग्रेस को घेरना शुरु कर दिया है और कांग्रेस से सवाल किया है कि उसने फोन टैपिंग के लिए किस से इजाजत ली थी। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने गहलोत सरकार से सवाल किया है कि आखिर किसी की गोपनियता को खुले आम कैसे पब्लिक किया जा सकता है।
 
राजस्थान झगड़े की जड़ खुद कांग्रेस
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राजस्थान में पिछली काफी समय से गहलोत और सचिन के बीच शीत युद्ध जारी है और यह अब पूरी तरह से खुलकर सामने आ गया है। राजस्थान में विधानसभा की जीत के साथ ही मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अनबन देखने को मिली थी। मुख्यमंत्री की कुर्सी ना मिलने पर सचिन पायलट के ग्रुप ने विरोध भी किया था। राजस्थान में जारी विवाद के लिए खुद कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है और वह अपनी इज्जत बचाने के लिए बीजेपी को इसमें घसीट रही है। 
 
कांग्रेस का शीत युद्ध बना महाभारत
राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शीत युद्ध पिछले काफी समय से चल रहा था ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि जैसे ही अशोक गहलोत को मौका मिला उनके अंदर का दुश्मन जाग गया और वह सचिन पायलट के खिलाफ बयानबाजी करने लगे। गहलोत ने अपने बयान में यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच कई महीनों से बातचीत भी बंद थी जिससे यह साफ जाहिर होता है कि दोनों नेताओं के बीच सबकुछ ठीक नही था सिर्फ कांग्रेस पार्टी की ही बागडोर की वजह से दोनों आपस में बंधे थे वरना कब के यह दोनों अलग अलग हो गये होते।  
 
गहलोत ने पायटल ग्रुप में डाली फूट
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी लड़ाई में एक बार फिर से अशोक गहलोत भारी पड़ते नजर आ रहे है क्योंकि अशोक गहलोत ने पायलट ग्रुप के पांच विधायकों को अपने पाले में मिला लिया है। सचिन पायलट ने बगावत के दौरान यह दावा किया था कि उनके पास कुल 30 विधायक है लेकिन अब यह संख्या घट कर 25 हो चुकी है। अशोक गहलोत को वैसे भी राजनीति का खिलाड़ी माना गया है लेकिन वर्तमान में जारी उठा पटक के दौरान एक बार फिर अशोक गहलोत ने एक बार यह साबित कर दिया कि राजनीति में उनसे टक्कर लेना इतना आसान नहीं है। हाई कोर्ट की तरफ से सचिन पायलट को राहत मिली है और मंगलवार तक के लिए सभी आदेश पर रोक लगा दिया गया है अब इस केस की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।  

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