- स्वास्थ्य मंत्रालय ने एन-95 मास्क पर रोक लगाने का दिया निर्देश
- एन-95 मास्क के वाल्व से फैल रहा कोरोना का संक्रमण
- राज्य सरकारों को एन-95 मास्क पर रोक लगाने का निर्देश
- 3 लेयर या घर पर बनें कपड़े के मास्क का करें इस्तेमाल
देश में जारी महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से यह निर्देश दिया गया कि सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा और मास्क के द्वारा ही संक्रमण को रोका जा सकेगा। संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने भी मास्क पहनने पर जोर दिया और सभी को मास्क के साथ ही बाहर निकलने की हिदायत दी। महामारी के दौरान बाजार में कई तरह के मास्क देखने को मिले, लोगों ने अपनी हैसियत के अनुसार इसकी ख़रीददारी भी की लेकिन इस दौरान एन 95 मास्क ज्यादा चर्चा में रहा और लोगों ने इसकी ख़रीददारी भी जमकर की हालांकि यह सभी मास्क में सबसे मंहगा था लेकिन लोगों ने खुद की जिंदगी बचाने के नाम पर इसे ही ख़रीदा लेकिन अब सरकार की तरफ से एक एडवाइजरी जारी कर इस मास्क को सेहत के लिए असुरक्षित करार दे दिया गया।
वाल्व लगे #N95 #Mask #COVID19 के प्रसार को रोकने में सक्षम नहीं !
छिद्रयुक्त श्वसन यंत्र लगा N-95 मास्क कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए नियमों के विपरीत है।सभी से आग्रह है कि कपड़े से बने Triple layer mask का इस्तेमाल करें व अन्य को इसके प्रति प्रोत्साहित भी करें। pic.twitter.com/1PpBbxeLLB— Dr Harsh Vardhan (Modi Ka Pariwar) (@drharshvardhan) July 21, 2020
स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक डाक्टर राजीव गर्ग ने एक पत्र लिख कर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वह वाल्व वाले एन 95 मास्क के इस्तेमाल पर रोक लगा दें। वाल्व वाला एन 95 मास्क संक्रमण रोकने में पूरी तरह से असफल है इसलिए ऐसे मास्क के इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि एन-95 मास्क का इस्तेमाल ना करें। सरकार की तरफ से निर्देश दिया गया कि लोग तीन लेयर वाले मास्क का इस्तेमाल करें या फिर घर पर बने कपड़े के मास्क का इस्तेमाल कर सकते है क्योंकि बाजार की तुलना में यह मास्क ज्यादा सुरक्षित है। घर पर बने कपड़े के मास्क को प्रतिदिन गरम पानी में उबाला जा सकता है जिससे वह इस्तेमाल करने में पूरी तरह से सुरक्षित होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने पत्र में साफ तौर यह कहा कि छिद्र युक्त (वाल्व) वाले मास्क का उपयोग अगर संक्रमित व्यक्ति करता है तो उसके मुंह से निकला वायरस छिद्र के द्वारा बाहर निकल जाता है और सामने वाला व्यक्ति भी इससे संक्रमित हो जाता है इसलिए इस मास्क पर तुरंत से रोक लगाना जरूरी है। इस मास्क के पहनने से आप को ऐसा लग सकता है कि यह आप के लिए सुरक्षित है जबकि यह पूरी तरह से गलत है और आप आसानी से संक्रमण का शिकार हो सकते है। सरकार की तरफ से यह भी कहा गया था कि मास्क के इस्तेमाल के साथ साथ लोगों को एक दूसरे से दो गज की दूरी भी बनानी है जिससे आप एक दूसरे को छू ना सके यह भी संक्रमण रोकने का एक कारगर तरीका था।
कोरोना महामारी के दौरान मास्क और सेनेटाइजर का इस्तेमाल बहुत ज्यादा बढ़ गया। कई कंपनियों ने इन सबका जमकर प्रचार किया और लॉकडाउन के दौरान अच्छा व्पायार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक तमाम नियमों को अनदेखा करते हुए मास्क और सेनेटाइजर तैयार किया और बाजार में कम से कम दाम में बेच कर पैसा बनाया गया। लोगों को जरुरत थी तो सभी ने जिंदगी बचाने के लिए मास्क और सेनेटाइजर पर पैसा भी पानी की तरह बहाया ताकी वह खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित कर सकें लेकिन हर दिन देश में बढ़ते संक्रमण को देखकर यह लगता है कि तमाम कोशिश के बाद भी हम देश में संक्रमण फैल रहा है और देखते ही देखते हम विश्व के तीसरे स्थान पर पहुंच गये।

