- श्रीनगर का आखिरी आतंकी मारा गया
- लश्कर कमांडर इशफाक रशीद खान ढेर
- सेना ने एक साल में मारे 146 आतंकवादी
- घाटी में युवाओं ने आतंकी भर्ती से बनाई दूरी
श्रीनगर आतंकियों से हुआ मुक्त
जम्मू कश्मीर का नाम आते ही आतंकियों का जिक्र सबसे पहले होता है। खबरों में भी जम्मू कश्मीर का जिक्र उसकी खूबसूरती के लिए कम और आतंकी घटनाओं को लिए ज्यादा होता है लेकिन जम्मू कश्मीर से धारा 370 के हटने के बाद से सुरक्षा बलों ने घाटी से आतंकियों का जोर शोर से सफाया किया जिसके बाद से कश्मीर पुलिस ने यह ट्वीट कर जानकारी दी कि श्रीनगर के जितने भी स्थानीय आतंकी थे वह सभी मारे गये और अब श्रीनगर का कोई भी स्थानीय आतंकी राज्य में सक्रिय नहीं है।
कश्मीर पुलिस की तरफ से जानकारी दी गयी कि सुरक्षा बलों ने शनिवार को मुठभेड़ में लश्कर के कमांडर इशफाक रशीद खान को ढेर कर दिया और इसके साथ ही श्रीनगर से आतंकियों का खात्मा हो गया। पुलिस के मुताबिक इशफाक रशीद खान श्रीनगर रहने वाला आखिरी लश्कर का कमांडर था जिसकी तलाश सुरक्षा बलों को पिछले काफी दिनों से थी।
After #killing of #LeT #terrorist Ishfaq Rashid Khan yesterday, no resident of #Srinagar district in terrorist ranks now: IGP Kashmir @JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) July 26, 2020
स्थानीय नागरिकों का आतंकियों से लिंक टूटा
पुलिस ने बताया कि इस आतकी के खात्में के बाद से अब उन लोगों का लिंक खत्म हो गया जो स्थानीय आतंकियो के सहारे आतंकवाद को बढ़ावा देते थे। श्रीनगर के कई सारे युवा आतंकी चपेट में थे और घाटी में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा दे रहे है ऐसे में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन क्लीन के बाद श्रीनगर को स्थानीय आतंकियों से मुक्त कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी संफलता है जब घाटी का कोई इलाका पूरी तरह से आतंक से मुक्त हो चुका है।
ऑपरेशन क्लीन से 146 आतंकी ढेर
ऑपरेशन क्लीन के तहत इस साल 50 से अधिक इनकाउंटर हुए जिसमें 146 से अधिक आतंकवादी मारे गये हालांकि इस दौरान कई जवान भी शहीद हुए जिसे देश हमेशा याद करेगा। सिर्फ जुलाई महीने में सेना और आतंकियों के बीच कुल 9 मुठभेड़ हुई जिसमें 16 से अधिक आतंकवादी मारे गये। सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी और कमांडर मारे गये जिसके बाद कही श्रीनगर और त्राल जैसे इलाके आतंक मुक्त हुए है। पुलिस के मुताबिक अब घाटी के युवाओं का ध्यान भी आतंक की तरफ नहीं जा रहा है और आतंकी की नई भर्ती में भारी कमी देखने को मिली है।