बाढ़ से बेहाल बिहार और असम!

  • बिहार और असम में तेजी से बढ़ रहा जल स्तर
  • राज्यों में बाढ़ से लाखों की जनसंख्या प्रभावित 
  • NDRF और SDRF की टीम का बचाव कार्य जारी 
  • बिहार में तट बंध टूटने से बढ़ रहा खतरा

बिहार और असम में जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे दोनों ही राज्यों की स्थिति बिगड़ती जा रही है। दोनों ही राज्यों में लाखों की जनसंख्या इससे प्रभावित है और लोगों का पलायन अब भी जारी है। बचाव दल द्वारा अब भी लोगों को बाहर सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर ले जाया जा रहा है। बिहार में करीब 12 जिलों की आबादी इस बाढ़ की चपेट में आ चुकी है जिसमें पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सुपौल, किशनगंज और गोपालगंज जैसे कई जिले शामिल है। बिहार और असम के लिए देव दूत बनी NDRF और SDRF की टीम लगातार सहायता कार्य में लगी हुई है और लोगों को बाहर निकाल रही है।   
उधर गोपालगंज के डूमरिया इलाके में तट बंध टूटने एक बार फिर जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा जिससे राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाला नेशनल हाइवे 28 बंद करना पड़ा है क्योंकि जल स्तर के बढ़ने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह नेशनल हाइवे कभी भी टूट सकता है इसलिए एहतियात के तौर पर प्रशासन की तरफ से इसे बंद कर दिया गया है। बिहार में बढ़ते जल स्तर की वजह से लगातार एक के बाद एक तट बांध टूट रहा है जिससे कई गांव डूब चुके है। गोपालगंज, दरभंगा और मुज़फ़्फ़रपुर में बांध टूटने से कई गावों में पानी फैल गया और गांव के लोग गांव छोड़ने पर मजबूर हो गये। बाढ़ की वजह से ट्रेन सेवाएं भी बाधित होने लगी है पिछले कई दिनों से समस्तीपुर से दरभंगा और सुगौली से मझौलिया के रेल ट्रैक पानी में डूबे हुए है जिससे रेल सेवाएँ पूरी तरह से बाधित हो चुकी है। 
 
बिहार में जारी आसमानी आफत की वजह से लोग बेघर तो हो ही रहे है इसके साथ ही अब लोगों को खाने पीने की भी परेशानी हो रही है जिसके बाद केंद्र सरकार ने लोगों की सेवा में वायु सेना को तैनात कर दिया है और अब वायु सेना के विमान लोगों के लिए फूड पैकेट गिरा रहे है ताकी लोगों को खाने की परेशानी नही होनी चाहिए। 
उधर असम में भी बाढ़ से हालात चिंताजनक होते जा रहे है। ब्रह्मपुत्र नदी के लगातार बढ़ते जल स्तर की वजह से करीब 26 जिले इससे प्रभावित है। असम में बाढ़ की वजह से अब तक 95 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 28 लाख लोग इसकी चपेट में है और उन्हे अपना घर बार छोड़ कर विस्थापित करना पड़ा है। एनडीआरएफ की तरफ से जारी बचाव कार्य तेजी पर है और लोगों को बाढ़ वाले इलाके से निकाल कर उन्हे सुरक्षित स्थानों और कैंपों में रखा जा रहा है एनडीआरएफ के मुताबिक करीब 50 हजार लोगों को कैंप में आश्रय दिया गया है।  

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