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ओलंपिक- कबड्डी

ओलंपिक- कबड्डी

by प्रा. सुरेंद्र बाजपेई
in अगस्त -२०११, खेल, सामाजिक
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आठ जून से 16 जून तक विजयवाडा में केपीएल अर्थात कबड्डी प्रीमियर लीग के शानदार मुकाबले हुए। भारत के क्रीड़ा इतिहास में 8 जून को एक सुवर्णाध्याय लिखा गया। कबड्डी असली देशी खेल है। क्रिकेट के आइपीएल की तरह केपीएल से कबड्डी के खिलाड़ियों के लिए व्यावसायिकता का एक नया राजमार्ग विजयवाडा के इंदिरा गांधी स्टेडियम पर खुल गया। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर भारत की गरिमा बढ़ाने वाले कबड्डी के भारतीय टीम के खिलाड़ी केपीएल की आठ टीमों में खेले।

1) कृष्णा किंग्ज 2) हैदराबाद हार्सेस ( हैदराबाद हीरोज) 3) दिल्ली डैशर्स 4) राजस्थान राइडर्स 5) हरिद्वार हंटर्स 6) चेन्नई चीताज़ 7) डा.आनंद ओंगोले बुल्स और 8) लकी लायंस । इन आठ टीमों में 24 मुकाबले शृंखला पद्धति से खेले गये।

हैदराबाद हार्सेस और हरिद्वार हंटर्स का कबड्डी का अंतिम मुकाबला 31-20 अंकों से हैदराबाद के साथ वीरों ने आसानी से जीत कर पहला केपीएल का मुकुट जीता। दस लाख रुपयों का इनाम कबड्डी में कप के साथ पहली बार दिया गया। हैदराबाद हार्सेस की इस जीत में टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह की जोशपूर्ण चढ़ाई, नितीन मदने की सहज कुशलता और निलेश शिंदे की चट्टान जैसी पकड़ से विजयवाड़ा में हैदराबाद हार्सेस हीरो की तरह छा गये। पहली पारी में ही हैदराबाद ने 16- 5 अंकों से अपनी विजयी दौड़ प्रारंभ की थी। खेल का प्रारंभ रोमहर्षक था। हरिद्वार के जसबीर ने पहली चढ़ाई में अंक प्राप्त कर अपनी टीम का खाता खोल दिया था। लेकिन हैदराबाद के मनप्रीत सिंह का आवेश ही कुछ अलग था। अपनी हर चढ़ाई की सफलता से तेरहवें मिनट में अपनी टीम को 9- 1 से आगे पहुंचा कर हरिद्वार टीम ने बड़ी कुशलता और फुर्ती से मनप्रीत सिंह को दो बार पकड़ा और हम भी कुछ नहीं हैं,यह दिखा दिया। हैदराबाद  का क्षेत्ररक्षण इतना मजबूत था कि हरिद्वार के कप्तान राकेश कुमार और जसबीर की चढ़ाई के दांव असफल रहे। राकेश कुमार को एक अंक भी नहीं मिला। और तीन बार उन्हें लपक कर पकड़ लिया। महाराष्ट्र के जिगरबाज खिलाड़ी निलेश शिंदे ने दाहिना कोना संभालकर अपनी लजवाब पकड़ से हैदराबाद को विजयश्री दिलायी और दिखा दिया कि.. ‘कोशिश करनेवलों की हार नहीं होती।’

मध्यांतर के बाद कबड्डी का तूफानी खेल दिखा। मनप्रीत और मदने इन दोनों की चढ़ाई से दूसरा लोन चढ़ाकर हैदराबाद ने 22-5 अंकों से जीत की मंजिल तय की। चौदहवें मिनट में मनप्रीत सिंह को पकड़कर हरिद्वार ने हैदराबाद पर पहला लोन चढ़ाया। आखिर के तीन मिनट बचे थे, तब बड़ी फुर्ती से मनप्रीत सिंह की देखने लायक चढ़ाई ने कबड्डी के शौकीनों के दिल
जीत लिए। हैदराबाद हार्सेस के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कुल 19 चढ़ाइयों में 3 बोनस और छीना-झपटी में 9 ऐसे कुल 12 अंक कमाये। तीन बार वे पकड़े गये। नितीन मदने ने 13 चढ़ाइयां कीं और 4 अंक प्राप्त किये। हरिद्वार के कप्तान राकेश कुमार ने कुल 9 अंक प्राप्त किये, जिसमें एक अंक बोनस का और 8 अंक छीना-झपटी के थे। सेकेंड हाफ में उन्हें एक बार भी नहीं पकड़ सके। हरिद्वार के जसवीर ने भी 12 चटाइयों में 4 अंक अर्जित कर अपनी टीम को उबारने की कोशिश की।

भाजपा के वरिष्ठ नेता व्यंकैया नायडू और आंध्र प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष एल.राजगोपाल के करकमलों द्वारा विजयी खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। महिलाओं के प्रदर्शनीय कबड्डी मैच में अखिल भारतीय कबड्डी फेडरेशन अध्यक्षीय टीम ने एक महिला टीम को 29-23 से पराजीत किया।

कबड्डी खेल ओलंपिक में सम्मिलित होने की शर्त है कम-से-कम 50 देशों में यह खेल खेला जाता हो। लेकिन फिलहाल कबड्डी भारत, पाकिस्तान, मारीशस, श्रीलंका, बर्मा, दक्षिण कोरिया, चीन, मलेशिया, नेपाल, भूटान, जापान, अफगानिस्तान, इराक और बांग्लादेश आदि देशों  में खेला जाता है। महाराष्ट्र कबड्डी खेल की जननी है, मगर केपीएल में महाराष्ट्र की टीम नहीं थी। महाराष्ट्र के खिलाड़ी दूसरी टीमों में खेले। केपीएल का प्रयास सराहनीय है। जगदीश्वर यादव और गहलोत को बधाई।

केपीएल के विजेता
केपीएल विजेता : हैदराबाद हार्सेस – 10 लाख रुपये और कप
केपीलए उप-विजेता : हरिद्वार हंटर्स – 5 लाख रुपये और कप
तृतीय स्थान : कृष्णा किंग्ज और डॉ आनंदे ओंगले – 1.5लाख रुपये।
केपीएल के सर्वोत्तम खिलाड़ी- मनप्रीत सिंह, हैदराबाद हार्सेस – एक लाख रुपये। ( हर खिलाड़ी को 50 हजार रुपये।
अष्टपैलू खिलाड़ी – राकेश कुमार-हरिद्वार हंटर्स
उदयोन्मुख खिलाड़ी – नितीन मदने, हैदराबाद हार्सेस
सर्वोत्तम चढ़ाई पटू- वजीर सिंह – डा. आनंद ओंगले बुल्स
सर्वोत्तम पकड़पटू – प्रदीप कुमार-हैदराबाद हार्सेस

केपीएल कबड्डी से इस खेल को बढ़ावा मिलेगा। वह दिन अब नजदीक है, जब ओलंपिक में कबड्डी का फुर्तीला भारतीय खेल, जिसे भगवान कृष्ण भी खेले थे शामिल होगा। ओलंपिक में हमारा तिरंगा फहरायेगा।

किस शान से तिरंगा, लहरा रहा है गगन में ।
भारत की शान देखो, फैला रहा है पवन में॥

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