टैक्स सिस्टम में हुआ सुधार अब नहीं चलेगी जान-पहचान

देश की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार सरकारी व्यवस्थाओं में सुधार कर रही है और सालों से चली आ रही नीतियों में समयानुसार बदलाव भी कर रही है। देश के अंदर जितने भी नियम और कानून है करीब सभी आजादी के बाद के ही है हालांकि उनमें कुछ सुधार जरुर हुआ है लेकिन समय की मांग इसमें और सुधार मांग रही है। केंद्र सरकार ने एक आंकड़ा पेश किया है जिसके मुताबिक देश की 130 करोड़ की आबादी में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग ही टैक्स देते है। देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से यह आंकड़ा बेहद की कम और चिंता जनक है क्योंकि देश का विकास और अर्थव्यवस्था दोनों ही टैक्स की बदौलत चलते है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश में नये टैक्स सिस्टम का ऐलान किया। सरकार की तरफ से जारी किये गये टैक्स सिस्टम के दो हिस्से है पहला है ट्रांसपैरेंट सिस्टम और ऑनरिंग द ऑनेस्ट। सरकार की तरफ से इस नये सिस्टम का ऐलान तो कर दिया गया है लेकिन इसकी पूरी जानकारी अभी भी सरकार की तरफ से साझा नहीं की गयी है। सरकार की तरफ से जारी किये गये ट्रांसपैरेंट सिस्टम यानी पारदर्शी व्यवस्था का सीधा उद्देश्य यह है कि टैक्स विभाग से काला बाजारी और इस्पेक्टर राज खत्म होगा। करदाता को किसी भी अधिकारी का डर नहीं होगा और वह आसान तरीकों से अपना कर ईमानदारी से सरकार के पास जमा करेंगा। सरकार के इस नये सिस्टम में करदाताओं को और अधिकार दिया गया है।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि पहले करदाता को ही कटघरे में खड़ा किया जाता था और फिर सरकार से ज्यादा अधिकारी का खाता गर्म होता था। आयकर विभाग के नियम इतने भ्रामक थे कि आम आदमी के समझ से परे था और इसका ही फायदा अधिकारी उठाते थे जिससे आम आदमी हमेशा से कर देने से ज्यादा अधिकारियों से डरता था।

आयकर विभाग में फेसलेस सिस्टम भी तैयार किया गया है जिसका मतलब है कि अब किसी भी करदाता का केस उसके शहर से बाहर किसी भी अधिकारी के पास जा सकता है और शहर व अधिकारी कम्प्यूटर द्वारा चयनित किया जायेगा जिससे अधिकारी से जान पहचान और दबाव नहीं बनाया जा सके। इससे पहले इनकम टैक्स से जुड़ा मामला शहर के ही अधिकारी के पास जांच के लिए जाता था जिसके बाद अधिकारी पर जान-पहचान या फिर नेताओं का दबाव बना काम को प्रभावित कर लिया जाता था।

भारत में टैक्स देने वालों की संख्या बहुत ही कम है। मोदी सरकार से पहले जीएसटी की व्यवस्था नहीं थी जिससे सरकार की आमदनी काफी कम होती थी और लोग अलग अलग तरीकों से टैक्स की चोरी करते थे लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से सरकार का खजाना भरने लगा है जिसको सरकार की तरफ से भी बताया गया है। मोदी सरकार से पहले यह बात कम ही लोगों को पता थी कि देश में कितने प्रकार के कर होते है और देश के कुछ लोग सरकार को टैक्स के रुप में पैसा भी देते है और इसी से सरकार देश का विकास करती है। देश के ग्रामीण इलाकों के लोगों को टैक्स के बारे में जानकारी बहुत की कम है या फिर ना के बराबर है।

ग्रामीण इलाके के कुछ लोगों को तो ऐसा ही लगता है कि सरकार के पास पैसा छापने की मशीन है जिससे सरकार जितना चाहे उतना पैसा बना सकती है और इसी से देश का विकास होता है और ग्रामीण इलाकों में विकास ना होने को लेकर लोग इसलिए ही सरकार पर आरोप लगाते है कि सरकार के पास जब पैसा है तो फिर वह विकास क्योंकि नहीं करती है।

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