- कांग्रेस पार्टी के चिट्ठी लिखने वाले नेता हुए नाराज़
- सोनिया गांधी ने डैमेज कंट्रोल का शुरु किया काम
- जनवरी तक मिल सकता है पार्टी को स्थायी अध्यक्ष
- सोनिया, राहुल व प्रियंका पर ही टिकी है अध्यक्ष की सूई
बदलाव की मांग ने बनाया दोषी
कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष को चिट्ठी लिख पार्टी में बदलाव की मांग की लेकिन अब वही चिट्ठी उनके लिए मुसीबत बनती नजर आ रही है और पार्टी के हितैसियों को ही पार्टी विरोधी बताया जा रहा है अब इसे क्या कहें यह सिर्फ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की नासमझी है या फिर इसके पीछे भी कोई वजह है। पार्टी के कुछ नेता यह चाहते है कि पिछले काफी समय से पार्टी की हालत बिगड़ती ही जा रही है ऐसे में अब पार्टी में बड़े परिवर्तन की जरुरत है लेकिन उन्होने जिस समय यह पत्र लिखा वह समय गलत निकल गया और पार्टी ने उन्हे ही दोषी करार दे दिया। उधर पार्टी बैठक के दौरान अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अपने इस्तीफ़े की पेशकश कर दी थी हालांकि बाद में क्या जादू चला कि उन्हे अगले एक साल तक के लिए फिर से अध्यक्ष बना दिया गया।
कांग्रेस में जारी आंतरिक कलह
केंद्र में जब से मोदी सरकार ने राजकाज संभाला है तब से कांग्रेस के बुरे दिन शुरु हो गये है ना चाहते हुए भी कांग्रेस नेता खुद को नुकसान पहुंचा रहे है। इस दौरान तमाम नेताओं ने तो पार्टी से ही हाथ निकाल लिया और अलग अलग पार्टियों में शामिल हो गये। इसलिए अब कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता सोनिया गांधी को सुझाव दे रहे है कि पार्टी में उपर से नीचे तक बदलाव की जरुरत है क्योंकि अब पार्टी के फैसले से जनता और कुछ पार्टी नेता भी ना खुश है जिसमें मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट का उदाहरण लिया जा सकता है लेकिन सवाल यह है कि कांग्रेस पार्टी बदलाव के मूड में नजर नहीं आ रही है और पार्टी अध्यक्ष पद की सूई सोनिया से राहुल और फिर प्रियंका गांधी पर आकर रुक जा रही है जबकि अब पार्टी के कुछ नेता अध्यक्ष पद पर किसी गैर गांधी परिवार को देखना चाहते है और यही शायद आने वाले चुनाव के लिए भी हित कर होगा।
उधर पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल लगातार ट्वीट कर अपना दुख और गुस्सा जाहिर कर रहे है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी बैठक के दिन तो सिब्बल ने गुस्से में ऐस ट्वीट कर दिया था कि बाद में उन्हे उसे डिलीट करना पड़ा था। बुधवार को सिब्बल ने एक और ट्वीट किया जिसके कई मायने निकाले जा रहे है सिब्बल ने ट्वीट कर लिखा, सिद्धातों के लिए लड़ते समय, जीवन में, राजनीति में अदालत में, सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच या सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर तो विपक्ष मिल जाता है लेकिन समर्थन का जुगाड़ करना पड़ता है।
When fighting for principles
In life
In politics
In law
Amongst social activists
On social media platformsOpposition is often voluntary
Support is often managed
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 26, 2020
कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल शुरु
कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं ने चिट्ठी लिख कर पार्टी बदलाव की बात कही थी लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई बल्कि उन पर विपक्षी दलों से मिलने के आरोप लगा दिये गये जिससे यह नेता अब पार्टी से नाराज़ बताए जा रहे है जिसके बाद पार्टी में डैमेज कंट्रोल का काम भी शुरु हो गया है। सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी ने फोन कर चिट्ठी लिखने वाले कुछ नेताओं से बात की और कहा कि उनकी बात पर भी अमल किया जायेगा लेकिन यह अमल कब तक होगा यह किसी को नहीं पता है। वहीं खबर इस बात की भी है कि कांग्रेस जनवरी से पहले पार्टी के लिए स्थायी अध्यक्ष ढूंढ लेगी।