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प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन: भारतीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन: भारतीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

by अनामिका गुलाटी
in ट्रेंडींग
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वैश्विक महामारी ने दुनिया को प्रौद्योगिकी कि उच्चतम सीमाओं पर पहुँचने का अवसर प्रदान किया है। यह कहना उचित होगा कि विश्व के प्रत्येक देश ने महामारी के दौरान जीवन के लगभग हर क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का अच्छे से उपयोग/प्रयोग किया है। कुछ दशकों पूर्व इस बात की कल्पना करना थोडा दुष्कर था कि शिक्षा का क्षेत्र भी  प्रौद्योगिकी के उपयोग को सीखने के नए द्वार खोलेगा। यह एक अधुरा सत्य है कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले पहले देशों में नहीं है – इस पर वाद विवाद न करते हुए मुद्दे कि बात यह है कि पिछले कुछ वर्षों से बढ़ते हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट का उपयोग, कम लागत वाले कंप्यूटर अथवा मोबाइल उपकरणों के साथ, अब मेट्रो सिटी में रहने वाले लोगों के घरों में इंटरनेट की सुविधा है जिस कारण, कम से कम शहरों में, विद्यार्थियों हेतु ई-लर्निंग के लिए नए रास्ते खुल गये हैं। वास्तव में वर्त्तमान सरकार की शिक्षा निति  नवाचार आधारित और डिजिटल शिक्षण के लिए ड्राइविंग बल प्रदान करने के लिए अनुकूल दृष्टिकोणों को सामने लाकर राष्ट्र की उन्नत शिक्षा का विस्तार करने की ओर इंगित करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने हमारी शिक्षा प्रणाली में तकनीकी पहलुओं की  महत्वपूर्ण भूमिका को मुख्य रूप से प्रस्तुत किया है, और इसके साथ-साथ शिक्षा में विकास एक स्पष्ट रोडमैप दिया है। इस संशोधित नीति का एक उद्देश्य सभी वर्ग, जाति, समुदाय, स्थान के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली प्रदान करना है। नयी शिक्षा निति हर वर्ग के छात्रों के लिए शैक्षिक प्रणाली में प्रवेश करने और बाहर निकलने जैसे प्रावधानों को सुगम बनाती है। मौजूदा भारतीय शिक्षा क्षेत्र में इस परिवर्तन को लाने के लिए विविध तरीकों से प्रौद्योगिकी का उपयोग करना एक अच्छा और पारदर्शी माध्यम है जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रस्तावित किया गया है । प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग शिक्षा और शिक्षण में, भाषा अवरोधों को दूर करने में तथा विकलांग छात्रों तक पहुंच बढ़ाने आदि ऐसे कुछ मुलभुत कार्य हैं जो नई शिक्षा निति में शिक्षण संस्थाओं को बड़े पैमाने पर सहायता करेंगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में देश की स्थानीय और वैश्विक आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर बनाया गया है। इसमें विविधता और संस्कृति का उचित समावेश है । विविध भाषाओँ और भाषा सीखने और सिखाने को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा। ऐसा कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारत में बोली जाने वाली भाषाएँ दुनिया में सबसे समृद्ध, सबसे वैज्ञानिक, सबसे सुंदर और सबसे अभिव्यंजक हैं । भारत का प्राचीन एवं आधुनिक साहित्य (गद्य और पद्य दोनों) तथा यहाँ कि स्थानीय भाषाओं में बनी फिल्में और निर्मित संगीत भारत की पहचान और आर्थिक स्तिथी दोनों को एक सम्मानजनक स्थान देता है । सांस्कृतिक संवर्धन के साथ-साथ राष्ट्रीय एकीकरण के प्रयोजनों के लिए सभी भारतीयों को अपने देश की भाषाओं के समृद्ध और विशाल श्रृंखलाओं के बारे में पता होना चाहिए। वास्तव में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 साहित्य के इस विशाल खजाने का सदुपयोग करने का भी एक जरिया है। इसके अलावा, तकनीकी हस्तक्षेप को एक मार्दर्शक के रूप में ही लागू किया जाएगा जो शिक्षकों और छात्रों के बीच मौजूद किसी भी भाषा सम्बन्धी बाधाओं को दूर करने में मदद करेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दिव्यांग छात्रों तथा विशेष आवश्यकताओं (जिन्हें अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होती है) वाले छात्रों पर भी केन्द्रित है। यद्दपि यह ठीक है कि विकलांग बच्चों की शिक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है तो भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में माता-पिता या देखभाल करने वालों के उन्मुखीकरण के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित समाधानों का उपयोग किया जाएगा। विशिष्ट कार्यों में प्रत्येक बच्चे की शक्तियों का लाभ उठाने के लिए लचीले पाठ्यक्रम के साथ उचित मूल्यांकन और प्रमाणन के लिए एक पारिस्थिति की तंत्र बनाने के साथ बच्चों को अपनी गति से काम करने की अनुमति देने और उपयुक्त तकनीक का उपयोग शामिल होगाहर कक्षा में नवीनतम शैक्षिक प्रौद्योगिकी की ऐक्सेस होगी जो सीखने के बेहतर अनुभवों को और सक्षम बनाएगी । अन्तोत्गत्वा इससे  शिक्षा के आकर्षक एवं वांछित परिणाम निकल कर आयेंगे। भविष्य में एक-पर-एक शिक्षक, सहकर्मी शिक्षक, ओपन स्कूलिंग, उपयुक्त बुनियादी ढाँचा, और उपयुक्त तकनीकी माध्यम विकलांग बच्चों या विशेष आवश्यकताओं वाले कुछ बच्चों के लिए शिक्षा की प्रभावी पहुँच सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020  ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पर जोर देती है, जिसके माध्यम से डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग (DIKSHA) पर उच्च गुणवत्ता वाले संसाधनों का एक राष्ट्रीय भंडार उपलब्ध कराया जाएगा और डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना भी की जाएगी। शिक्षकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए SWAYAM / DIKSHA जैसे प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि मानकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रमों को कम समय के भीतर बड़ी संख्या में शिक्षकों को प्रशासित किया जा सके।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020  न केवल शिक्षा में अपितु राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण के सभी कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अवसर और तकनीकी विकास को महत्व देता है। निश्चित ही इससे स्कूलों द्वारा वर्तमान में वहन किए जाने वाले विनियामक अधिदेशों और प्रशासन संबंधी अन्य कार्यों में भारी कमी आएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अनेक क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए एक व्यापक दिशानिर्देश है। सामान्यतः ऐसा  माना जाता है कि कृषिशिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों को कृषि प्रौद्योगिकी पार्कों को स्थापित करके स्थानीय समुदाय को सीधे लाभ पहुंचाना चाहिए। भारत के ज्ञान और इसकी विविध सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी जरूरतों, इसकी अतुलनीय कलात्मक भाषा और ज्ञान परंपराओं, और भारत के युवा लोगों में इसकी मजबूत नैतिकता को राष्ट्रीय गौरव, आत्मविश्वास, आत्म-ज्ञान के उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा मानव प्रयासों पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव से तकनीकी शिक्षा और अन्य विषयों के बीच की व्यवस्था बेहतर होने की भी उम्मीद है।

वास्तव में तकनीकी शिक्षा का उद्देश्य बहु-विषयक शिक्षण संस्थानों और कार्यक्रमों के बीच सामंजस्य बिठाना है ताकि विषयों के साथ गहराई से जुड़ने के अवसरों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जा सके। भारत को अत्याधुनिक क्षेत्रों में पेशेवरों को तैयार करने में भी अग्रणी होना चाहिए, जैसे कि जीनोमिक अध्ययन, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), 3-डी मशीनिंग, बड़े डेटा विश्लेषण, तंत्रिका विज्ञान, स्वास्थ्य, पर्यावरण और धारणीय जीविका के लिए महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के साथ जो युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए स्नातक शिक्षा में बुने जाएंगे और मशीन लर्निंग जैसे विषय तेजी से प्रसिद्धि हासिल कर रहे हैं। वयस्क शिक्षा के लिए गुणवत्ता प्रौद्योगिकी-आधारित विकल्प जैसे कि ऐप, ऑनलाइन पाठ्यक्रम / मॉड्यूल, उपग्रह-आधारित टीवी चैनल, ऑनलाइन किताबें, और आईसीटी से सुसज्जित पुस्तकालय और वयस्क शिक्षा केंद्र आदि सरकार और परोपकारी पहल तथा प्रतियोगिताओं के माध्यम से के साथ-साथ विकसित किए जाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा कई मामलों में, गुणवत्तापूर्ण वयस्क शिक्षा का संचालन ऑनलाइन या मिश्रित मोड में किया जा सकता है। शिक्षा आर्थिक और सामाजिक गतिशीलता, समावेश और समानता प्राप्त करने का सबसे अच्छा साधन है। कई उद्यमियों और नई कंपनियों ने निजी और सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए नवाचार आधारित शिक्षाप्रद आइटम बनाने के लिए इस अवसर का उचित लाभ उठाया है।

वयस्क शिक्षा के लिए मजबूत और अभिनव सरकार की पहल – विशेष रूप से, समुदाय की भागीदारी और प्रौद्योगिकी के सुचारू और लाभकारी एकीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए – 100% साक्षरता प्राप्त करने के इस सभी महत्वपूर्ण उद्देश्य में तेजी लाने के लिए जितनी जल्दी हो सके प्रभावित होगी। गुणवत्ता पुस्तकालयों, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, प्रौद्योगिकी, खेल / मनोरंजन क्षेत्रों, छात्र चर्चा स्थानों, और भोजन क्षेत्रों जैसे उपयुक्त संसाधन और बुनियादी ढाँचा प्रदान करने के साथ, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित किया कि सीखने के वातावरण आकर्षक और सहायक बने तहत सभी छात्रों को सफल होने में सक्षम बनाये। राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 इसी को सुनिश्चित करने का एक मसौदा है।

 

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