आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद नई शिक्षा नीति
भारत विविधता के रंगों से सजा राष्ट्र है। यहाँ हर कुछ कोस पर बोली भी बदल जाती है, मौसम भी, भोजन भी। इन तमाम विविध रहन-सहन और बोली-भाषा के बावजूद यह राष्ट्र अनूठी एकता की डोर से सदैव बंधा हुआ, विश्व गुरु के रूप में जाना जाता था। एक समय था जब भारतवर्ष की समग्र शिक्षा प्रणाली का डंका पूरे विश्व में बजता था।