नई शिक्षा नीति से बदलेगा देश का भविष्य-मोदी

आखिर अब तक शिक्षा नीति में क्यों नहीं हुए बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा नीति में बदलाव के बाद से चर्चा जोरों पर है, हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि आखिर इस बदलाव के बाद क्या कुछ नया होने वाला है। वहीं छात्रों में भी इस बात को लेकर उत्सुकता है कि इस नये बदलाव के बाद उनका पाठ्यक्रम कैसा होने वाला है और इस बदलाव के बाद उनकी शिक्षा कितनी कठिन या फिर सरल होने वाली है। नई शिक्षा नीति को लेकर पीएम ने शुक्रवार को एक वीडियो कांफ्रेसिग बैठक को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहाकि पिछले करीब 3 दशक से शिक्षा नीति में कोई बदलाव नही हुआ है और यह उसी पुराने ढर्रे पर चली आ रही है जबकि देश और दुनिया इन 30 सालों में बहुत आगे निकल गयी। पीएम ने कहा कि पिछले 30 सालों में हर क्षेत्र में विकास हुआ और नये नये नियम और सुविधाएँ पैदा की गयी लेकिन शिक्षा ही एक ऐसा क्षेत्र रहा जहां कोई परिवर्तन नहीं हुए जबकि यह सभी को पता है कि जीवन का हर रास्ता शिक्षा से होकर ही गुजरता है और अगर वह ही ठीक नहीं होगा तो फिर सफलता कैसे मिलेगी। 
 
शिक्षा नीति को लागू करना कठिन काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस नई शिक्षा नीति के पीछे एक बड़ी टीम ने कड़ी मेहनत की है यह करीब 5 साल की मेहनत है। नई शिक्षा नीति बनाने के लिए हर क्षेत्र, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है हालांकि अभी भी यह काम पूरा नहीं हुआ है। इसका असली काम तो अब शुरू होगा जब इस नीति को लोगों के बीच लागू करना होगा। इस काम के लिए सभी का सहयोग चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस नीति को लागू करने में प्रधानाचार्य और शिक्षकों को कड़ी मेहनत करनी होगी इसके बाद ही कहीं सफलता मिलेगी। किसी भी तरह के परिवर्तन से लोग भागते है लेकिन परिवर्तन से विकास के रास्ते खुलते है और यही काम शिक्षा क्षेत्र में भी करना है।  
 
दो दिवसीय शिक्षा पर्व
आपको बता दें कि शिक्षा मंत्रालय की तरफ से दो दिवसीय 10 सितंबर और 11 सितंबर को शिक्षा पर्व मनाया गया। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए देशभर के शिक्षकों से उनके सुझाव मांगे गए थे और करीब 1 सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव सरकार को प्राप्त हुए हैं जिसकी मदद से सरकार इस शिक्षा नीति को और भी प्रभावी तरीके से लागू करेगी। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह बताने की कोशिश की है की नई शिक्षा नीति बच्चों के ऊपर कोई बोझ नहीं होगी बल्कि उनकी शिक्षा को उनके समाज और आसपास के परिवेश से जोड़ दिया जाएगा जिससे इस शिक्षा नीति का असर विद्यार्थी के पूरे जीवन पर पड़ेगा और वह शिक्षित होने के साथ-साथ संस्कारी भी बनेगा।
 
नई शिक्षा नीति से बदलेगा भारत का भविष्य
प्रधानमंत्री ने कहा की नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को ज्ञान आधारित और उद्योगपति बनाना है इस नई शिक्षा प्रणाली से देश को वैश्विक महाशक्ति में बदलने में बड़ा योगदान मिलेगा। आपको  बता दें कि सन 1986 के बाद करीब 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया जा रहा है। वैसे सरकार की तरफ से लागू किये गये इस शिक्षा नीति की प्रशंसा हर तरह हो रही है क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों के भारी बैग और स्कूलों के लगातार बढ़ते प्रेशर से परेशान थे ऐसे में पीएम मोदी की नई शिक्षा नीति सभी के लिए राहत भरी है। 

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