बाला साहेब की शिवसेना Vs उद्धव ठाकरे की शिवसेना

सुशांत मौत केस में शिवसेना की किरकिरी
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर शिवसेना घिरती नजर आ रही है, कुछ लोगों द्वारा आदित्य ठाकरे का नाम ही इस में घसीटा जा रहा है और शिवसेना सरकार पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह सुशांत के आरोपियों को बचा रही है। बहुत सारे लोग सुशांत की तरफ से सरकार से सवाल करने लगे है इन सब में कंगना रनौत भी शामिल है और उन्होंने भी सरकार पर कई आरोप लगाए, हालांकि कंगना राणावत ने बॉलीवुड के बड़े क्षेत्र सितारों पर भी कई आरोप लगाए और यह  बताया कि बॉलीवुड में भी एक लॉबी चलती है और जो लोग उसके साथ नहीं चलते उनकी हालत सुशांत जैसी होती है।
 
शिवसेना Vs कंगना 
कंगना के इस विरोध के दौरान महाराष्ट्र सरकार की तरफ से संजय राउत ने भी उन्हें कड़ा जवाब दिया और उन्हें मेंटल तक कह दिया, जिसके बाद शिवसेना और कंगना राणावत की दुश्मनी खुल कर बाहर आ गई और यह दोनों लोग एक दूसरे पर आरोप लगाने लगे, मामला यहां तक पहुंचा कि शिवसेना ने कंगना राणावत को देख लेने की धमकी दे दी और मुंबई ना आने की सलाह दी, जबकि कंगना ने भी कड़ा जवाब दिया और कहा कि वह मुंबई आएंगी जो उखाड़ना होगा उखाड़ लेना। इसी दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कंगना रनौत को वाई कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान कर दी गयी जिसके बाद  कंगना रनौत ने गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया और वह मुंबई भी पहुंच गई हालांकि कि एयरपोर्ट पर शिवसेना ने कंगना राणावत का जमकर विरोध किया लेकिन अचानक से कंगना के समर्थन में पहुंची करणी सेना ने भी शिवसेना को बराबर का जवाब दिया। इसी बीच शिवसेना ने कानूनी दांव चला और बीएमसी ने कंगना का दफ्तर यह कहते हुए तोड़ दिया यह अवैध है हालांकि ऐसा कम ही देखने को मिला है जब बीएमसी ने नोटिस के मात्र 24 घंटे में ही कार्यवाही की हो।
 
सत्ता के लिए शिवसेना का सबकुछ दांव पर!
इस पूरे मामले को लेकर शिवसेना की हर तरफ आलोचना हो रही है क्योंकि शिवसेना का स्तर काफी बड़ा था, लोग इसे अब भी बाला साहब ठाकरे से जोड़कर देखते हैं लेकिन जब से उद्धव ठाकरे ने सत्ता संभाली है तब से शिवसेना का विरोध शुरु हुआ है और वह लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वैसे देखा जाए तो यह सत्ता उद्धव ठाकरे को उठाने की बजाय गिराती जा रही है सबसे पहले बीजेपी ने शिवसेना से अपनी दोस्ती तोड़ ली क्योंकि शिवसेना में पहली बार कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई है जबकि बाला साहब ठाकरे हमेशा से कांग्रेस के विरोधी रहे थे। शिवसेना हमेशा से हिंदुत्व की पार्टी रही है जबकि कांग्रेस को शुरू से ही हिंदुत्व का विरोधी बताया गया है फिर ऐसे में शिवसेना का कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना महाराष्ट्र की जनता के लिए एक बड़ा झटका था लेकिन यह राजनीति है यहां कुछ भी जायज है। 
 
मुंबई में अवैध निर्माण का सच
कंगना और शिवसेना के बीच जारी लड़ाई से शिवसेना को आलोचना झेलनी पड़ रही है। अलग अलग संगठन और पार्टियां शिवसेना के काम को लेकर सवाल उठा रही हैं। बीएमसी ने जिस नाटकीय ढंग से 24 घंटे के अंदर ही कंगना के ऑफिस को अवैध घोषित कर उसे तोड़ दिया, यह बात किसी को भी हजम नहीं हो रही है यहां तक की महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी इस तरह की कार्यवाही की आलोचना की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में एक लाख से अधिक अवैध इमारतें बनी हुई है और उसकी लिस्ट भी बीएमसी के पास है लेकिन इन पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है इतना ही नहीं शिवसेना की कुछ शाखाओं को भी गलत तरीके से बनाने का आरोप लगा है लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

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