सेना के जवानों और अधिकारियों के खानें में अंतर क्यों- राहुल गांधी

भारत और चीन के बीच पिछले करीब 4 महीने से सीमा विवाद जारी है इसको लेकर कमांडर, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री स्तर की बैठक हो चुकी है लेकिन इसका कोई भी सुलझता हुआ रास्ता अभी तक सामने नहीं आया है। चीन की किसी भी बात पर अब भारत को भरोसा नहीं रहा है क्योंकि चीन की करनी और कथनी में अंतर है वह बैठक के दौरान तमाम तरह के दावे करता है और यह बताता है कि वह सीमा पर शांति चाहता है लेकिन दूसरे ही दिन चीन सैनिक फिर से सीमा पर अशांति पैदा कर देते है। वहीं भारत सरकार को दो तरफा मार झेलनी पड़ती है एक तरफ वह देश के बाहरी दुश्मनों से जूझती है तो वहीं दूसरी तरफ देश के अंदर भी कुछ लोग इस पर राजनीतिक रोटी सकने में लगे रहते है और सरकार पर सवाल उठाते है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से राहुल गांधी ऐसा कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते है और वह चीन विवाद को लेकर हमेशा से मोदी सरकार पर हमलावर रहे है जबकि देश की सुरक्षा और एकता का परिचय देते हुए उन्हे चीन पर हमला करना चाहिए।

चीन से जारी गतिरोध के बीच भारत सरकार की तरफ से संसद की रक्षा मामलो की स्थायी बैठक बुलाई गयी जिसमें सेना के तमाम बड़े अधिकारियों के साथ साथ राहुल गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार शामिल हुए। बैठक का मुद्दा रक्षा सुरक्षा बलों के राशन की गुणवत्ता को लेकर था लेकिन इस दौरान कई और मुद्दों पर भी चर्चा हुई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाधी ने इस दौरान यह सवाल उठाया कि सेना के जवानों और अधिकारों के खाने में अंतर क्यों किया जाता है। राहुल के मुताबिक जवानों के साथ मतभेद किया जा रहा है जबकि अधिकारियों को उच्च दर्जे का खाना दिया जा रहा है। वहीं राहुल के सवालों का रक्षा मंत्रालय की तरफ से जवाब दिया गया कि ज्यादातर जवान ग्रामीण क्षेत्र से आते है इसलिए उनके खाने का स्वाद और अनाज अलग होता है वह ज्यादातर रोटी, दाल और सब्जी का सेवन करते है जबकि अधिकारी शहरी क्षेत्र से आते है और वह ब्रेड और सलाद का इस्तेमाल ज्यादा करते है इसलिए दोनों के खाने में अंतर रखा जाता है लेकिन रक्षा मंत्रालय की तरफ से यह साफ किया गया कि दोनों के ही खाने की क्वालिटी उच्च स्तर की होती है।

राहुल गांधी ने इससे पहले भी भारत सरकार पर चीन मुद्दे को लेकर हमला बोला था और ट्वीट करते हुए कहा था कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है भारत सरकार इसे फिर से वापस लेने की योजना बना रही है? या फिर इसे भी एक दैवीय घटना बता कर इसे छोड़ा जा रहा है। इससे पहले भी राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कई बार हमला बोला था और बार बार यह आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने चीन को जमीन दे दी और देश को इस मामले पर गुमराह कर रहे है। इसके साथ ही राहुल ने कोरोना की वजह से जीडीपी में आयी गिरावट के लिए भी मोदी सरकार को जिम्मेदार बताया और सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सही निर्णय ना लेने से ही देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी है।

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