16 मोबाइल कंपनी कर रही 11000 करोड़ का निवेश
भारत सरकार की तरफ से लगातार आत्मनिर्भर भारत अभियान पर जोर दिया जा रहा है। सरकार हर क्षेत्र में देश को आगे ले जाना चाहती है जिससे ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी बल्कि देश से बेरोज़गारी भी बड़ी मात्रा में कम होगी। आत्मनिर्भर अभियान के तहत ही भारत सरकार ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के 11000 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दे दी। इस निवेश के तहत कुल 16 मोबाइल फोन विनिर्माता कंपनियों को मंजूरी दी गयी है। यह कंपनियां अगले 5 साल में करीब 10.5 लाख करोड़ रुपए मूल्य के मोबाइल फोन तैयार करेंगी। इस निवेश में आईफोन बनाने वाली अंतर्राष्ट्रीय कंपनी एप्पल (Apple) की अनुबंध विनिर्माता कंपनी फॉक्सकॉन होन हाई (Foxconn Hon Hai), सैमसंग (Samsung), विस्ट्रॉन (Wistron) पेगाट्रॉन (Pegatron), राइजिंग स्टार (Rising Star) के प्रस्ताव शामिल हैं।
भारतीय कंपनियों का भी हिस्सा
वहीं घरेलू कंपनियों में लावा (Lava) भगवती (Micromax), पैजेट इलेक्ट्रॉनिक्स (Padget Electronics), यूटीएल नियोलिक्स (UTL Neolyncs), ऑप्टीमस इलेक्ट्रॉनिक्स (Optiemus Electronics) के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। आप को बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पीएलआई के तहत योग्य आवेदकों की 16 कंपनियों को मंजूरी दे दी गई है। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि योजना के तहत जिन कंपनियों को मंजूरी दी गई है वह अगले 5 साल में 2 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेंगे, जबकि इससे करीब 3 गुना अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा। इसके साथ ही मंत्रालय की तरफ से यह भी आश्वासन दिया गया है कि योजना के तहत मंजूरी पाने वाली कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में करीब 11000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश भी लाएंगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना यानी कि पीएलआई 1 अप्रैल 2020 को सूचित की गई थी, बयान में कहा गया था कि योजना के तहत मंजूरी पायी कंपनियों के अगले 5 साल में 10.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के मोबाइल फोन उत्पादित करने की उम्मीद है। इलेक्ट्रॉनिक्स के कलपुर्जे जैसे एंटीएंडसन, एसेंट शर्किट, विजी
योजना के तहत सरकार लक्षित श्रेणी के भारत में विलय में सामान की क्रमिक बिक्री पर योग्य कंपनियों को 4 फीसदी से 6 फीसदी का प्रोत्साहन भी देगी। यह प्रोत्साहन 2019-20 को आधार वर्ष मान कर दिया जाएगा। इस योजना के तहत विदेशी कंपनियों को 15000 या उससे अधिक मूल्य के मोबाइल फोन पर प्रोत्साहन लाभ मिलेगा जबकि घरेलू कंपनियों के लिए इस तरह की कोई सीमा नहीं रखी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि घरेलू और वैश्विक मोबाइल फोन एवं फोन उपकरण निर्माता कंपनियों के आवेदन करने के संदर्भ में पीएलआई योजना ने बड़ी सफलता अर्जित की है। अपने बयान में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए मजबूत परितंत्र और मूल्य श्रृंखला खड़ी करने को लेकर आशावादी है। सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि देश के अंदर हम ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा कर सके। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस पीएलआई योजना के तहत 16 कंपनियों के निवेश को लेकर खुशी व्यक्त की है।